Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां वन विभाग की विभिन्न योजनाओं व परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए राज्य में वन क्षेत्र को विस्तार देने और संरक्षित करने के लिए महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों व पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्हें वन संरक्षण में सेवा प्रदान करने के लिए उचित प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी और राज्य सरकार ने इस संबंध में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
इसके अतिरिक्त पौधों की जीवित प्रतिशतता के आधार पर पांच साल के बाद इनसेंटिव प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने वन क्षेत्र में 60 प्रतिशत फलदार व चारे की प्रजातियां लगाने के निर्देश दिए ताकि जंगल में ही जंगली जानवरों की आवश्यकताओं की उपलब्धता हो सके। इससे किसानों की फसलों को जानवरों से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। उन्होंने विभाग को पौधरोपण और वनीकरण की अपनी मूल जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए और पर्याप्त स्टाफ व हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने विभाग को वन आच्छादित क्षेत्र बढ़ाने के लिए निजी उद्यमियों को शामिल करने के निर्देश दिए। विभाग ऐसी संस्थाओं को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने विभाग को पौधरोपण के साथ पौधों को बचाए रखने के लिए एक प्रणाली विकसित करने के लिए कहा। प्रदेश सरकार राज्य के पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है तथा वर्तमान सरकार के पिछले दो वर्षों में इस संबंध में अनेक कदम उठाए गए हैं।
सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि नव नियुक्त वन मित्रों को नियुक्ति पत्र शीघ्र प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुल 2033 उम्मीदवारों का चयन किया गया है जिनमें 55 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को नव नियुक्त वन मित्रों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम तैयार करने को कहा। इस कार्यक्रम के माध्यम से वन मित्रों को उनकी भूमिका एवं जिम्मेदारियों से अवगत करवाया जाएगा और यह कार्यक्रम इस वर्ष के मई माह के पहले सप्ताह से आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वन मित्रों को वर्दी तथा अन्य संबंधित सामग्री के लिए 6000 रुपये प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के लिए इको-पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा पहले चरण में आठ इको-पर्यटन साइट को सक्रिय बनाया गया है और अगले दो सप्ताह में 78 साइटें क्रियाशील की जाएंगी।
उन्होंने कांगड़ा जिला के अंतरराष्ट्रीय ज्यूलॉजिकल पार्क बनखंडी के विकास एवं निर्माण कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने इस परियोजना के कार्यों में तेजी लाने और पार्क के लिए पर्याप्त श्रम शक्ति एवं मानक संचालन प्रक्रियाएं तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने पार्क में आने वाले पर्यटकों के लिए प्लेनेटेरियम तथा अन्य सुविधाएं सृजित करने पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, पीसीसीएफ (हॉफ) समीर रस्तोगी और विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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