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South Indian Cinema: सुपरहीरो, पुष्पा, कांतारा अब भी देखना चाहते हैं लोग, निर्माता विक्रम भट्ट ने बताया क्यों बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो रही हैं बॉलीवुड फिल्में!

South Indian Cinema: सुपरहीरो, पुष्पा, कांतारा अब भी देखना चाहते हैं लोग, निर्माता विक्रम भट्ट ने बताया क्यों बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो रही हैं बॉलीवुड फिल्में!

South Indian Cinema: दक्षिण भारतीय सिनेमा की सफलता और बॉलीवुड की गिरती हालत को लेकर चर्चा काफी समय से हो रही है। और ये चर्चा जायज भी है, क्योंकि कांतारा, पुष्पा जैसी कंटेंट-ड्रिवन फिल्मों के जरिए साउथ सिनेमा लगातार वही दे रहा है जो दर्शक देखना चाहते हैं। दूसरी ओर, बॉलीवुड उस कनेक्शन को कहीं खो चुका है। इस मुद्दे पर फिल्म निर्माता विक्रम भट्ट ने अपनी राय रखते हुए इंडस्ट्री को सही दिशा में लौटने के कुछ सुझाव दिए और यह बताया कि कैसे फिल्मों को ‘मास ऑडियंस’ को ध्यान में रखकर बनाना चाहिए।

विक्रम भट्ट ने कहा,
हर कोई मास ऑडियंस को भूल गया और निच फिल्में बनाने लगा। और कोविड के दौरान, थिएटर में फिल्म देखने की आदत भी चली गई। हमने मास्सी फिल्में बनाना ही छोड़ दिया। अगर आप साउथ इंडस्ट्री को देखें तो वो आज भी फल-फूल रही है क्योंकि उन्होंने हमेशा आम जनता को प्राथमिकता दी। वहां के लोग आज भी सुपरहीरो, पुष्पा, कांतारा देखना चाहते हैं। आज भी विलेन को विलेन मानते हैं, आज भी सीटियां और तालियां बजाते हैं। हम तो वैसी फिल्में बनाना ही भूल गए जिसे देखकर लोग सीटियां और तालियां बजाएं।

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उन्होंने फिल्म में अर्जेंसी यानी तात्कालिकता की जरूरत पर भी ज़ोर दिया।
हमें ऐसी फिल्में बनानी होंगी जिसमें अर्जेंसी हो। ये मैंने हाल ही में सीखा जब मेरी फिल्म ‘तुमको मेरी कसम’ नहीं चली। उसे अच्छे रिव्यू मिले लेकिन वो नहीं चली क्योंकि उसमें अर्जेंसी नहीं थी। हमें ऐसी फिल्में बनानी होंगी जिनका पहला दिन पहला शो लोग बेसब्री से इंतजार करें।

विक्रम भट्ट ने स्टार कास्ट से ज्यादा कंटेंट पर ध्यान देने की बात कही।
ये पूरी समस्या एक मिनट में सुलझ सकती है अगर म्यूजिक कंपनियां, डिजिटल और सैटेलाइट कंपनियां ये मैसेज देना शुरू कर दें कि हमें अच्छे गाने चाहिए, अच्छी फिल्में चाहिए। अगर आप एक अच्छी फिल्म को सपोर्ट करेंगे, न कि सिर्फ स्टार कास्ट को, तो प्रोड्यूसर पर बोझ नहीं पड़ेगा।

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उन्होंने आगे कहा,
मुझे लगता है कि आज फिल्म में सीटियां और तालियां इसलिए नहीं हैं क्योंकि हम वैसी स्क्रिप्ट ही नहीं लिख रहे। अगर हीरो का इंट्रोडक्शन पुराने स्टाइल में नहीं होगा तो सीटियां कहां से आएंगी? पहले उसके पैरों का शॉट, फिर सिगरेट जलाने का, फिर चश्मा लगाने का शॉट – तब जाकर सीटियां बजती हैं। लेकिन अगर हीरो सीधा अपने ऑफिस में जाकर बैठ जाता है, तो कोई क्या ताली बजाएगा?

गौरतलब है कि विक्रम भट्ट की अगली फिल्म Haunted 3D: Ghosts of the Past है, जिसमें महाक्षय चक्रवर्ती और चेतना पांडे मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे।

मेरा नाम नेहा है, और मैं प्रजासत्ता न्यूज़ नेटवर्क में कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हूँ। मुझे एंटरटेनमेंट से जुड़ी खबरें लिखना बेहद पसंद है, क्योंकि यह दुनिया की रंगीनियों और हलचलों को दर्शाने का एक अनूठा मौका देता है। फिल्म, संगीत और टीवी शो की दुनिया में हो रहे नवीनतम बदलावों को पाठकों के सामने पेश करना मेरे लिए एक रोमांचक अनुभव है।

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