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Himachal News: सतलुज में फंसे बच्चों को बचाने के लिए NTPC ने रोका बिजली उत्पादन, करोड़ों का नुकसान उठाकर दिखाई मानवता

Himachal News: सतलुज में फंसे बच्चों को बचाने के लिए NTPC ने रोका बिजली उत्पादन, करोड़ों का नुकसान उठाकर दिखाई मानवता

विजय शर्मा | सुंदरनगर
Himachal News: बिलासपुर जिले के खंगड़ गांव में बुधवार शाम एक बड़ा हादसा टल गया, जब सतलुज नदी में खेल रहे दो बच्चों को NTPC की त्वरित कार्रवाई और मानवीय दृष्टिकोण ने बचा लिया। सतलुज नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने से दो बच्चे नदी के बीच एक टापू पर फंस गए थे। NTPC ने बच्चों की जान बचाने के लिए बिजली उत्पादन रोक दिया, जिससे कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। फिर भी, मानव जीवन को प्राथमिकता देते हुए NTPC ने तुरंत कार्रवाई की।

बुधवार शाम करीब 5 बजे खंगड़ गांव के तीन बच्चे—कृष चंदेल (पिता: मनीष चंदेल), अनुज (पिता: वीरेंद्र), और एक लड़की—सतलुज नदी के किनारे रेत के मैदान पर खेल रहे थे। अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। खतरे को भांपकर कृष और अनुज पास के एक टापू पर चढ़ गए, जबकि तीसरी बच्ची सुरक्षित स्थान पर पहुंच गई। देखते ही देखते पानी का बहाव तेज हो गया, और दोनों बच्चे टापू पर फंस गए।

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बच्चों की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। निचली भटेड़ पंचायत (वार्ड नंबर 3) की सदस्य अंजना कुमारी को घटना की जानकारी मिली। उन्होंने तुरंत NTPC के हेड ऑफ प्रोजेक्ट (HOP) से संपर्क किया। हालात की गंभीरता को समझते हुए NTPC प्रबंधन ने सतलुज नदी के जलग्रहण गेट बंद करने का फैसला लिया, ताकि पानी का बहाव कम हो सके।

जलस्तर कम होने पर गांव के राजेंद्र कुमार ने रस्सियों के सहारे बहते पानी में उतरकर बच्चों तक पहुंचा और उन्हें सुरक्षित निकाला। बच्चे लगभग दो घंटे (शाम 5 बजे से 7 बजे तक) टापू पर फंसे रहे। इस बचाव कार्य के लिए NTPC को अपने जलविद्युत संयंत्र का गेट बंद करना पड़ा, जिससे बिजली उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया। इससे बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई और कंपनी को करोड़ों रुपये की पेनल्टी व उत्पादन नुकसान सहना पड़ा।

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स्थानीय लोगों ने NTPC के इस मानवीय और साहसी कदम की जमकर सराहना की। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर जलस्तर नियंत्रित न किया जाता, तो बच्चों की जान बचाना असंभव हो सकता था। NTPC प्रबंधन की त्वरित निर्णय क्षमता और मानवता को प्राथमिकता देने के रवैये को सभी ने सराहा।

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