Guru Purnima 2025: गुरु हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं। गुरुओं का मार्गदर्शन हर व्यक्ति के लिए बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है। ऐसे में गुरु पूर्णिमा पर्व और उसका महत्व हमारे जीवन में अत्यंत गहरा है। गुरु पूर्णिमा, जो हिंदुओं, बौद्धों और जैनियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, गुरुओं का सम्मान करने का दिन है। यह दिन मार्गदर्शक और आध्यात्मिक मार्गदर्शकों के प्रति आभार व्यक्त करने का है।
इस साल गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई, 2025 को मनाई जाएगी। यह दिन महर्षि वेद व्यास जी की जयंती को भी याद करता है। बौद्ध इस दिन भगवान बुद्ध का सम्मान करते हैं, उनके सारनाथ में दिए गए प्रथम उपदेश को याद करते हुए। गुरु पूर्णिमा का हिंदू धर्म में धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत बड़ा है। यह दिन केवल हिंदुओं के लिए ही नहीं, बल्कि बौद्धों और जैनियों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
यह दिन सभी गुरुओं का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है, चाहे वे आपके मार्गदर्शक हों, आध्यात्मिक गुरु हों या जो आपको सही करियर चुनने में मार्गदर्शन देते हैं और हमेशा आपको बेहतर इंसान बनने में मदद करते हैं। आपको अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए और इस दिन को भरपूर खुशी और उल्लास के साथ मनाना चाहिए। इस साल गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई, 2025 को मनाई जाएगी।
गुरु पूर्णिमा के दिन लोग सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनते हैं और गुरु के चरणों में पुष्प अर्पित करते हैं। इसके साथ ही कई लोग व्रत रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं या फिर अपने गुरु के उपदेशों को दोहराते हैं। कई स्थानों पर गुरु पूजा और आध्यात्मिक प्रवचन का आयोजन भी किया जाता है। अगर आपके पास कोई गुरु नहीं है तो आप इस दिन अपने माता-पिता, बड़े-बुज़ुर्गों का आशीर्वाद ले सकते हैं। क्योंकि कहतें भी सबसे पहले गुरु माता पिता होतें हैं।

गुरु पूर्णिमा 2025: तिथि और समय (Guru Purnima 2025 Date and Time)
पूर्णिमा तिथि शुरू – 10 जुलाई, 2025 – 01:36 AM
पूर्णिमा तिथि खत्म – 11 जुलाई, 2025 – 02:06 AM
पूर्णिमा पर चंद्रोदय – 11 जुलाई, 2025 – 07:19 PM
गुरु पूर्णिमा 2025: महत्व (Guru Purnima 2025 Significance)
गुरु पूर्णिमा का हिंदुओं के बीच धार्मिक महत्व बहुत बड़ा है। यह दिन महर्षि वेद व्यास जी की जयंती को भी याद करता है, जिन्हें हिंदू शास्त्रों के अनुसार महत्वपूर्ण गुरुओं में से एक माना जाता है। वे महाभारत के लेखक भी हैं। कई अनुयायी इस दिन को बहुत खुशी के साथ मनाते हैं।
गुरु पूर्णिमा बौद्धों द्वारा भी मनाई जाती है और वे इस शुभ दिन पर भगवान बुद्ध का सम्मान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि प्रबोधन (जागृति, ज्ञानोदय, या किसी को सचेत करना) प्राप्त करने के बाद, बुद्ध ने इस दिन सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था। इस दिन को मनाने के लिए, बौद्ध बुद्ध और सभी आध्यात्मिक मार्गदर्शन के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।
गुरु पूर्णिमा 2025: रीति-रिवाज (Guru Purnima 2025 Rituals)
- सुबह जल्दी उठें और अपने माता-पिता और बड़े भाई-बहनों के पैर छूकर आशीर्वाद लें।
- स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को प्रार्थना अर्पित करें।
- बुद्धि और ज्ञान के देवता, भगवान गणेश का सम्मान करें।
- यदि आपके पास एक आध्यात्मिक गुरु है, तो आप उन्हें देखने जाएं ताकि आप उनके पैर छूकर धन्यवाद दे सकें और आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
- इस शुभ दिन पर ब्राह्मणों और गुरुओं को वस्त्र, जूते, फल और दक्षिणा अर्पित करें। अपने पिता और माता को भी मिठाइयां अर्पित करें।
- गुरु मंत्र का जप करें।
घर में कैसे मनाएं गुरु पूर्णिमा?(How to celebrate Guru Purnima 2025 at home)
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में गुरु पूर्णिमा एक ठहराव जैसा दिन होता है, जब हम उन लोगों को याद करते हैं जिन्होंने हमें जीवन जीने का सही तरीका और उसका महत्व सिखाया है। अगर आप गुरू पूर्णिमा घर पर मनाना चाहते हैं तो इस दिन अपने गुरुओं से मिलकर उनका आशीर्वाद अवश्य लें। अगर मिलना संभव न हो तो थोड़ा सा टाइम निकाल कर याद से उन्हें कॉल करके धन्यवाद जरूर कहें।
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