Mandi News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंद्रनगर उपमंडल की बूहला भडियाड़ा पंचायत के समोहली गांव के नायब सूबेदार सतीश कुमार को उनकी असाधारण वीरता के लिए प्रतिष्ठित वीर चक्र से नवाजा गया है। यह सम्मान उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मनों के खिलाफ अभूतपूर्व साहस और रणनीतिक कौशल प्रदर्शित करने के लिए स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदान किया गया।
भारतीय सेना की चार डोगरा रेजिमेंट में जम्मू-कश्मीर में तैनात सतीश ने इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर न केवल दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया, बल्कि देश और प्रदेश का नाम भी रोशन किया।
सतीश की इस उपलब्धि पर उनकी मां कृष्णा देवी भावुक हो उठीं। उन्होंने कहा, “मेरे बेटे ने देश के लिए जो किया, उस पर मुझे बहुत गर्व है। उसकी बहादुरी हम सभी के लिए गौरव का क्षण है।” सतीश के पिता नंद लाल, जो स्वयं भारतीय सेना से नायब सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हैं, ने भी बेटे की इस उपलब्धि पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “सतीश ने हमारी सैन्य परंपरा को और मजबूत किया है।”
क्षेत्र में इस सम्मान को लेकर उत्साह का माहौल है। बूहला भडियाड़ा पंचायत के प्रधान संजय कुमार ने बताया कि सतीश की वीरता से हर ग्रामीण गर्व महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे गांव के इस जांबाज ने न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है।” स्थानीय लोग सतीश को बधाई देने के लिए उनके घर पर जुट रहे हैं, और समोहली गांव में खुशी की लहर दौड़ रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भी नायब सूबेदार सतीश कुमार को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, “सतीश ने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी वीरता से पाकिस्तानी सेना को करारा जवाब दिया और हिमाचल की वीरभूमि की पहचान को और ऊंचा किया।” सीएम ने यह भी जोड़ा कि हिमाचल के सैनिकों ने विभिन्न अभियानों में अपनी बहादुरी से कई वीरता पुरस्कार हासिल किए हैं, जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सतीश ने जिस तरह से नेतृत्व और साहस का परिचय दिया, वह सैन्य इतिहास में एक मिसाल बन गया है।












