Sawan Shiv Puja Vidhi: भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित श्रावण का पवित्र महीना चल रहा है। इस महीने के प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व होता है, और भक्त, विशेष रूप से महिलाएं और अविवाहित लड़कियां, अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए और भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखती हैं और विशेष पूजा भी की जाती है।
दरअसल, सावन सोमवार के पवित्र दिन पर, भक्त विशेष रूप से आस्था के साथ शिवलिंगम की पूजा करते हैं, गंगा जल, दूध आदि चढ़ाते हैं। हालांकि, कुछ चीजें हैं जिन्हें कभी भी पवित्र शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि वे दुर्भाग्य को आमंत्रित कर सकते हैं।
शिवपूजा में बहुत सी ऐसी चीजें अर्पित की जाती हैं जो अन्य किसी देवता को नहीं चढ़ाई जाती, जैसे- आक, बिल्वपत्र, भांग आदि। इसी तरह शिव पूजा में कई ऐसी चीजें होती हैं जो आपकी पूजा का फल देने की बजाय आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं…
Sawan Shiv Puja: शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए ये चीजें
1. हल्दी: हल्दी खानपान का स्वाद तो बढ़ाती है साथ ही धार्मिक कार्यों में भी हल्दी का महत्वपूर्ण स्थान माना गया है। लेकिन शिवजी की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है। हल्दी उपयोग मुख्य रूप से सौंदर्य प्रसाधन में किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है, इसी वजह से महादेव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती।
2. फूल: शिव को कनेर और कमल के अलावा लाल रंग के फूल प्रिय नहीं हैं। शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का निषेध किया गया है।
3. कुमकुम या रोली: शास्त्रों के अनुसार शिव जी को कुमकुम और रोली नहीं लगाई जाती है।
4. शिव पूजा में वर्जित है शंख: शंख भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय हैं लेकिन शिव जी ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में वर्जित माना गया है।
5. नारियल पानी: नारियल पानी से भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना चाहिए क्योंकि नारियल को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसलिए सभी शुभ कार्य में नारियल का प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है। लेकिन शिव पर अर्पित होने के बाद नारियल पानी ग्रहण योग्य नहीं रह जाता है।
6. तुलसी दल: तुलसी का पत्ता भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए। इस संदर्भ में असुर राज जलंधर की कथा है जिसकी पत्नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी। शिव जी ने जलंधर का वध किया था इसलिए वृंदा ने भगवान शिव की पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग न करने की बात कही थी।
Sawan Shiv Puja: शिव पूजन में चढ़ने वाली चीजें
जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, ईत्र, चंदन, केसर, भांग, इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक-एक चीज शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि इन चीजों से शिवलिंग को स्नान कराने पर सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
1. मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत होता है। आचरण स्नेहमय होता है।
2. शहद चढ़ाने से हमारी वाणी में मिठास आती है।
3. दूध अर्पित करने से उत्तम स्वास्थ्य मिलता है।
4. दही चढ़ाने से हमारा स्वभाव गंभीर होता है।
5. शिवलिंग पर घी अर्पित करने से हमारी शक्ति बढ़ती है।
6. ईत्र से स्नान करवाने से विचार पवित्र होते हैं।
7. शिवजी को चंदन चढ़ाने से हमारा व्यक्तित्व आकर्षक होता है। समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
8. केशर अर्पित करने से हमें सौम्यता प्राप्त होती है।
9. भांग चढ़ाने से हमारे विकार और बुराइयां दूर होती हैं।
10. शक्कर चढ़ाने से सुख और समृद्धि बढ़ती है।
Sawan Shiv Puja: शिव पूजन की सामान्य विधि
जिस दिन शिव पूजन करना चाहते हैं, उस दिन सुबह स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र हो जाएं। इसके बाद घर के मंदिर में ही या किसी शिव मंदिर जाएं मंदिर पहुंचकर भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल या पवित्र जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन, चावल, बिल्वपत्र, आंकड़े के फूल और धतूरा चढ़ाएं।
पूजन में इस मंत्र का जप करें
मन्दारमालांकलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।
पूजा संपन्न करने के लिए भगवान शिव को घी, शक्कर का भोग लगाएं और इसके बाद धूप, दीप से आरती करें।
बता दें कि भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग के सामने शांति से बैठें और श्रद्धा और समर्पण के साथ व्रत का पालन करने का पवित्र संकल्प लें। भगवान शिव से अपनी प्रार्थनाएँ और शुभकामनाएं अर्पित करें, एक सुखी और पूर्ण जीवन के लिए उनका आशीर्वाद माँगें। यह संकल्प आपकी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है, और इसे ईमानदारी और विश्वास के साथ करना आवश्यक है।
(डिस्क्लेमर: ये सलाह सामान्य जानकारी के लिए दी गई है।)
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