Latest संपादकीय News
थोड़ा एटीट्यूड भी रखना जरूरी होता है, ज्यादा झुकने पर लोग गिरा हुआ समझ लेते हैं।
थोड़ा एटीट्यूड भी रखना जरूरी होता है, ज्यादा झुकने पर लोग गिरा…
बन्द करो सोशल मीडिया पर नँगा नाच अपना
अरे ओ झंड मंच के कलाकारों सोनिया स्मृति हो गया हो तुम्हारा…
बड़े न होते तो सारे फसाद खड़े न होते!
तृप्ता भाटिया| बचपन में दिल्ली का पता नहीं था मुझे, अपने घर…
जो लोग समय होते हुए भी लंबे लेख नहीं पढ़ पाते उनकी मानसकिता केवल”मैं” होती है।
जो लोग लंबे लेख नहीं पढ़ पाते समय होते हुए भी उनकी…
मेरी जिमेबारी कलम से प्रहार करने है, आपकी क्या है ?तय कीजिये
मेरी जिमेबारी कलम से प्रहार करना है और आपकी नियत पर निर्भर…
आदमी जो सुनता है, आदमी जो कहता है ज़िंदगी भर वो सदायें पीछा करती हैं।
तृप्ता भाटिया ✍️ आदमी जो सुनता है, आदमी जो कहता है ज़िंदगी…
शीतल शर्मा की कलम से “मेरी बात सुनो”
सुनो तो, रोती तुम हो भीग हम जाते हैं! टपक- टपक जब…
मोबाइल और ज़िन्दगी एक जैसी ही होती है
तृप्ता भाटिया| अमेज़न/फ्लिपकार्ट पर मोबाइल के मॉडल देखते हुए लगता, ये सही…