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अर्की उपचुनाव: गुटबाजी ख़त्म करने के लिए भाजपा उतार सकती है नया चेहरा, जल्द हो सकता के नाम का ऐलान

बीजेपी

प्रजासत्ता|
अर्की में उपचुनाव से पहले भाजपा की गुटबाजी खुल कर सामने आ रही है| भाजपा में आए ताज़ा सियासी बवाल को देखते हुए विधानसभा उपचुनाव में गुटबाजी, बगावत और भितरघात की आशंका से इन्कार नही किया जा सकता| डैमेज कंट्रोल के लिए प्रदेश भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना आनन-फानन में अर्की पहुंचे। लेकिन प्रदेश भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना भी अर्की भाजपा में गुटबाजी की दरार को नहीं भर सके।

अर्की में होने वाले उपचुनाव में भाजपा की तरफ से टिकट के दावेदारों में पूर्व विधायक गोविन्द राम, हिमको अध्यक्ष व विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे रत्न सिंह पाल, भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रिय स्तर पर नेत्रित्व करते राशे सुरेंद्र ठाकुर, प्रतिभा कँवर, भाजपा नेत्री आशा परिहार जिला परिषद सदस्य, अमर सिंह ठाकुर, जिला परिषद प्रमुख दवेदार मने जा रहे हैं| सूत्रों की माने तो इस बार सत्ता में बैठी भाजपा फिर से नए चहरे को टिकट दे सकती है| जिसके पीछे की बड़ी वजह भाजपा की अंतर्कलह तथा दिन प्रतिदिन बढ़ रही गुटबाजी हो सकती है| गौर हो कि मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी अर्की मंडल की कार्यसमिति की बैठक में उपचुनाव केे साथ-साथ अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की गई।

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बता दें कि बीते दिनों दाड़लाघाट में जनकल्याण संस्था के सम्मेलन के दौरान भाजपा टिकट को लेकर सियासी हुंकार भरने वाले पूर्व विधायक गोविंद राम ने मंगलवार को आयोजित बैठक से किनारा किया। वहीं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सहजल के अर्की दौरे के दौरान भाजपा की गुटबाजी की कलई खुल गई है। पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा व जिला परिषद सदस्य आशा परिहार जैसे कई भाजपा नेताओं ने मंत्री के कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। हालांकि हिमको अध्यक्ष व विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे रत्न सिंह पाल व भाजपा मंडल कार्यक्रम में उपस्थित था। ऐसा नहीं है कि उनकी मंत्री से कोई नाराजगी है बल्कि भाजपा के ये दोनों गुट लंबे समय से एक मंच पर एकत्रित नहीं हो रहे हैं। पार्टी को उपचुनाव में इसका नुक्सान भी उठाना पड़ सकता है।

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बीतेेे 8 जुलाई को अर्की के विधायक वीरभद्र सिंह का निधन हुआ था, जिस कारण अर्की का सियासी पारा दिन-ब-दिन गर्म हुआ जा रहा है। सूत्रों की माने तो मंगलवार को आयोजित की गई बैठक में भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना भाजपा की जीत के समीकरण बिगाड़ रहे नेताओं से मिलने पहुंचे थे। हालांकि भाजपा मंडल अध्यक्ष ने कहा कि यह एक रूटीन बैठक थी इससे पूर्व प्रदेश में तथा उसके पश्चात जिला की बैठक हुई थी। उसी कड़ी में बैठक मंडल के कार्यकर्ताओं के लिए रखी थी।

भाजपा के उच्च पदों पर बैठे नेताओं के बयान कुछ भी हो लेकिन भाजपा की अंतर्कलह सबके सामने आ चुकी है। किसी भी गुट के नेता को टिकट मिलने के बाद भी गुटबाजी खत्म होने का सिलसिला फिलहाल थमता दिखाई नहीं दे रहा है।

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