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पुलिस भर्ती में आरक्षण को समाप्त और सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर सड़क पर उतरे

पुलिस भर्ती में आरक्षण को समाप्त और सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर सड़क पर उतरे

देवभूमि क्षत्रिय संगठन एवं देवभूमि सवर्ण मोर्चा की तरफ से सवर्ण जातियों को आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में रोष रैली निकाली गई। उसके बाद क्षत्रिय संगठन के पदाधिकारियों की अगुवाई में जिला उपायुक्त के माध्यम से प्रदेश के महामहिम राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे गये।

देवभूमि क्षत्रिय संगठन एवं देवभूमि सवर्ण मोर्चा की और से कहा गया कि करीब चार माह पहले सरकार से मिले थे। शिमला में धरने तक दिए गए। सरकार की तरफ से आश्वासन मिला था। लेकिन उसके बाद कोई निर्णय सवर्ण जाति के आरक्षण को लेकर नहीं किया गया। इसलिए अब मजबूरन पुन संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ा है।

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देवभूमि क्षत्रिय संगठन एवं देवभूमि सवर्ण मोर्चा ने चेतावनी देते हुए कहा कि शांतिपूर्वक ढंग से बड़े प्रदर्शन किए। उन्होंने कहा कि 70 प्रतिशत सवर्ण की अनदेखी ठीक नहीं है। इस पर जल्द कार्रवाई की जाए। अन्यथा हमें अब उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।

सवर्ण मोर्चा ने कहा कि पुलिस भर्ती में आरक्षण को बढ़ा दिया गया है। सवर्ण की आयु को भी बढ़ाया गया है, जबकि अन्य वर्ग को कई प्रकार की छूट दी गई है, उनके हितों के साथ कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि भर्ती में आरक्षण प्रक्रिया को समाप्त किया जाए और इसमें जो भी योग्य हो उसे नौकरी दी जाए, ताकि वह देश की सेवा कर सके। पहले आरक्षण दस साल के लिए लगाया गया था। लेकिन वोट की राजनीति के चलते आरक्षण की सीमा को आगे बढ़ाया गया है और इसे चलते हुए अब 70 साल हो गए हैं।

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सवर्ण मोर्चा ने कहा सरकार आरक्षण करें, लेकिन उसे आर्थिक आधार पर किया जाना चाहिए, ताकि पात्र लोगों को रोजगार के बराबर अवसर प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा संगठन की अब भी यही मांग है कि किसी भी कैटेगरी का हो, उसे आरक्षण दिया जाए।

सवर्ण आयोग के गठन को लेकर लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सरकार की तरफ से लालीपोप दिया जा रहा है। सरकार व प्रशासन को युवाओं का क्या कसूर है कि इन्हें आरक्षण क्यों नहीं दिया जा रहा। वोट सरकार की तरफ से ली गई, इन युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो चुका है।

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देश में सभी जातियों व वर्गों काे आरक्षण है, तो पुलिस भर्ती में आरक्षण को समाप्त किया जाए। आरक्षण के नाम पर सरकार लोगों को तोड़ने का काम न करे। सरकार से हकों के लिए लड़ रहे हैं। लेकिन उसमें भी कई लोग सरकार के पिट्ठू बने हुए हैं। ऐसे लोगों को समय आने पर संगठन बेनकाब करेगा।

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