Himachal Temple Money Controversy: हिमाचल प्रदेश में मंदिरों और धार्मिक संस्थानों के फंड (Temple Money Controversy)को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। कांग्रेस ने भाजपा और जयराम ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि वह मंदिरों का पैसा हड़पना चाहती है। भाजपा और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस छिड़ गई है, जिसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे पर सनातन धर्म विरोधी नीतियाँ अपनाने का आरोप लगा रहे हैं।
दरअसल, मौजूदा सरकार ने 29 जनवरी 2025 को कुल्लू और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों के डीसी को पत्र लिखा। इसमें मंदिरों का पैसा सरकार की दो योजनाओं के लिए मांगा गया। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी हिमाचल की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर हमलावर हुई। मगर अब सत्तारूढ़ कांग्रेस ने बीजेपी पर ठीकरा फोड़ा है। हिमाचल प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी इस मुद्दे पर सियासी बयान बजी शुरू हो गई।
Temple Money Controversy: भाजपा का कांग्रेस पर हमला
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वह मंदिरों की धनराशि को ‘सुख शिक्षा योजना’ और ‘मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना’ में खर्च कर रही है। उन्होंने इसे सनातन विरोधी कदम बताते हुए कांग्रेस सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। जयराम ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस अब मंदिरों के धन से अपनी योजना चलाना चाह रही है। जयराम ने बजट सत्र के दौरान भी इसका विरोध करने की रणनीति बनाई है। उन्होंने मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोगों और राज्य की आम जनता को भी इसका विरोध करने करने की अपील की है।
Temple Money Controversy: कांग्रेस का पलटवार, भाजपा पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कार्यालय ने 29 अगस्त 2018 का भाजपा सरकार का एक पत्र सार्वजनिक किया, जिसमें मंदिरों की आय का 15 प्रतिशत बजट एनजीओ द्वारा संचालित गौशालाओं को देने की बात कही गई थी। इस खुलासे के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस के अनुसार मंदिरों की आय का सरकारी योजनाओं में उपयोग करने की परंपरा भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई थी। पार्टी ने जयराम ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार के दौरान प्रदेश की संपदा को कौड़ियों के भाव लुटा दिया गया था।
हालांकि मुख्यमंत्री सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इस बात को खारिज किया कि सुखाश्रय योजना और सुख शिक्षा योजना के लिए सरकार ने खुद बजट का प्रावधान कर रखा है। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने तो मंडी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि के दौरान कहा कि सरकार ने न तो किसी मंदिर से पैसा लिया है, न ही भविष्य में लेने का कोई विचार है।
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