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जगत प्रकाश नड्डा ने AIIMS Bilaspur में कई नई सुविधाओं का किया शुभारंभ

Jagat Prakash Nadda inaugurated many new facilities at AIIMS Bilaspur

बिलासपुर|
AIIMS Bilaspur: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के एम्स बिलासपुर में कई नई सुविधाओं का शुभारंभ किया और ‘विश्राम सदन’ का शिलान्यास किया। इस क्रम में उन्होंने ₹4 करोड़ की लागत से बने 40 हजार लीटर की क्षमता वाले लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट और ₹30 करोड़ की लागत से एडवांस्ड रेडिएशन थैरेपी के लिए लगी आधुनिक मशीनरी सहित अन्य नई सुविधाओं का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एवं सांसद अनुराग ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और ऊर्जा मंत्री आर के सिंह के प्रयासों के चलते एम्स बिलासपुर ( AIIMS Bilaspur ) को कई नई सुविधाएं प्रदान हुई है। 3 अप्रैल 2017 को नवरात्रों की षष्ठी तिथि को आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने एम्स बिलासपुर का शिलान्यास किया था। 5 अक्टूबर 2022 को विजयदशमी के दिन आदरणीय प्रधानमंत्री ने इस संस्थान का उद्घाटन कर बिलासपुर की जनता को दशहरे का उपहार दिया था। आज ₹4 करोड़ की लागत से बना 40 हजार लीटर की क्षमता वाले लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की सुविधा का उद्घाटन किया गया है।

इसी तरह रेडिएशन एन्कॉलोजी में एडवांस्ड रेडिएशन थैरेपी के लिए ₹30 करोड़ की लागत से आधुनिक मशीनरी लगाई गई है और सीटी स्कैन सुविधा शुरू की गई है। आज 350 बेड की क्षमता वाले विश्राम सदन का भी शिलान्यास हुआ है। एम्स बिलासपुर ( AIIMS Bilaspur ) को इन सुविधाओं से सुसज्जित करने के लिए माननीय अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री और ऊर्जा मंत्री का अभिनंदन और धन्यवाद करते हुए कहा कि इन सुविधाओं से पहाड़ी क्षेत्र के निवासियों के लिए स्वास्थ्य और इलाज सुविधा कई गुना बेहतर और आसान हो जाएगी।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने स्वास्थ्य सहित हर क्षेत्र में तेज प्रगति और विकास किया है। हर वर्ग को एक नई दिशा मिली है और देश आगे बढ़ने में सफल हुआ है। कोरोना महामारी पूरी शताब्दी की सबसे बड़ी महामारी थी और कोई भी इसका इलाज और बचाव नहीं जानता था। पाश्चात्य देश सहित पूरे विश्व के बड़े-बड़े नेता मानवता या अर्थव्यवस्था के बीच असमंजस में झूलते रहे और किसे प्राथमिकता से बचाना है इसका फैसला नहीं कर पा रहे थे। लेकिन भारत में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने “जान है तो जहान है” का नारा लगाते हुए दृढ़ता से पूरे देश में लॉकडाउन लगाकर मानवता को सुरक्षित किया। इस बीच 2 महीने में उन्होंने देश को तैयार किया और उस समय मात्र 112 दिन में पूरे देश में लगभग 2500 ऑक्सीजन प्लांट्स लगाए गए जिनसे भारत की ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 3000 टन प्रतिदिन तक पहुंच गई थी। इसके अलावा आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में भारत के वैज्ञानिकों ने मात्र 9 महीने दो दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर देश को इस महामारी से बचाया। परिणामस्वरूप देशभर में 220 करोड़ वैक्सीन लगाई गई। भारत ने 100 देशों को वैक्सीन निर्यात की और विश्व मैत्री के तहत 30 करोड़ वैक्सीन कई देशों को मुहैया कराई।

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नड्डा ने कहा बिलासपुर में एम्स ( AIIMS Bilaspur ) बनना यहां के स्थानीय लोगों का सपना था और आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण ये सपना साकार हुआ है। उन्होंने कहा 10 साल में चंडीगढ़ पीजीआई में दस गुना निवेश हुआ है। 25 तारीख को बठिंडा में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अखिल भारतीय चिकित्सा संस्थान का शिलान्यास करेंगे। उन्होंने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा “जब मैं एक युवा छात्र था, तो में कहता था शिक्षा हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है”, लेकिन व्यावसायिक शिक्षा समाज द्वारा दिया गया विशेषाधिकार है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा जब उनके स्वास्थ्य मंत्री होने के समय मनसुख मंडाविया रसायन एवं उर्वरक मंत्री थे और मनसुख मंडाविया के कारण स्टंट के दाम कम हुए थे। जनऔषधि के माध्यम से दवाइयों के दाम काम करने में किए गए थे। पहले लोग आयुर्वेद को जनता इतना महत्व नहीं देते थे मगर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद और योग को महत्व मिला है।

भाजपा सरकार 30 वर्ष की आयु वाले सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच कर रही है। इसके अलावा आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार थ्योरेटिव, एलिएटिव, रिहैबिलिएटिव जैसी कठिन से कठिन बीमारियों से लड़ने के लिए कार्य कर रही है। कैंसर के इलाज कीमोथेरपी से होता है और रोगी की जान भी बच जाती है परन्तु आयुष प्रणाली रोगी में प्रतिरक्षा प्रणाली बनाकर ताकत प्रदान करती है। इसलिए हर बीमारी से लड़ने की लिए आयुर्वेद भी जरूरी है साथ ही योग भी आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समग्र दृष्टिकोण के साथ देश की स्वास्थ्य नीति को बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।

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नड्डा ने कहा कि 2018 से पहले, मुख्यमंत्री राहत कोष से जरूरतमंदों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक प्रणाली थी, जिसमें मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक मामले के लिए पत्र लिखना होता था। इस प्रणाली में कुछ कमियां थीं जिसके कारण कुछ ही लोगों को इसका लाभ मिल पाता था। लेकिन 2018 में, आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई। यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है, जो 10 करोड़ 74 लाख परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज प्रदान करती है। इस योजना के कारण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में क्रांतिकारी बदलाव आया है। नड्डा ने हिमाचल प्रदेश में हिमकेयर योजना का भी उल्लेख किया, जो तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में शुरू की गई थी। इस योजना ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार किया है।

भाजपा अध्यक्ष ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के प्रति आभार व्यक्त करते हुए टीबी के खिलाफ लड़ाई में हुई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने टीबी के बारे में जनता के बीच जानकारी फैलाने और जरूरतमंदों को दवाएं उपलब्ध कराने के प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप प्रभावशाली 80% सफलता दर हासिल हुई। उन्होंने बताया कि दवा प्रतिरोधी टीबी से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें केंद्रों की संख्या 127 से बढ़कर 792 हो गई है, जो भारत को टीबी मुक्त बनाने की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

नड्डा ने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 706 हो गई है। विस्तार केवल कॉलेजों की संख्या तक ही सीमित नहीं है, क्योंकि एमबीबीएस सीटें 50 हजार से बढ़कर 1 लाख 8 हजार तक पहुंच गई हैं। यह प्रगति भारत में स्वास्थ्य सेवा को बढ़ाने के लिए समर्पण को रेखांकित करती है।

नड्डा ने मेडिकल छात्रों से संवाद करते हुए उनसे कहा कि छात्रों का सहयोग सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिसके तहत पॉलिसीस, प्रोग्राम्स, इम्प्लिमेन्टेशन के द्वारा मानवता की सेवा की जा सकती हैं। लोगों की सेवा करना मेडिकल छात्रों के साथ साथ सभी का कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि वे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री  मनसुख मंडाविया से चर्चा करते है कि फैकल्टी के बीच एक समन्वय होना चाहिए जिसके तहत बिलासपुर की फैकल्टी दिल्ली एम्स जाए और उसी तरह दिल्ली एम्स की फैकल्टी यहां बिलासपुर में आकर नई चीजें सीखें और अपने कार्यक्षेत्र में उसका उपयोग करें।

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नड्डा ने एम्स की व्याख्या करते हुए बताया कि “एम्स की ये संस्कृति है कि जान निकल जाएगी, लेकिन जान बचाई जाएगी” एम्स में एक-एक मरीज पर एक-एक डॉक्टर ध्यान देता है यही एम्स की संस्कृति हैं और इसी को आगे बढ़ाना है और केवल एक स्थान पर नहीं हर जगह इस संस्कृति को बढ़ावा देना है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एम्स की भर्ती के लिए बनाई गई नई योजना को छात्रों के मध्य रखते हुए बताया कि एम्स में भर्तियों के समय यह ध्यान रखा जाता है कि सभी एम्स में भर्तियां एक साथ हों। ये भर्तियां इस तरह की जाती हैं कि जिस क्षेत्र का व्यक्ति हो उसे आसानी से उसी के क्षेत्र के एम्स में कार्यरत किया जा सके और क्षेत्रीय असंतुलन न हो। इसके साथ ही पूरे राष्ट्र के एम्स की एक संयुक्त कमेटी बनाई जाए जो मेडिकल क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करना सुनिश्चित करे। माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने छात्रों के साथ आह्वान किया कि छात्रों को ये जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेनी है और इसके लिए सबसे पहली जिम्मेदारी उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को विजयी बनाकर निभानी है।

ड्डा ने अंत में छात्रों से कहा कि इस नव निर्मित बिलासपुर एम्स ( AIIMS Bilaspur )  का पूर्ण रूप से उपयोग कीजिए, यह छात्रों को मिलने वाला अधिकतम अवसर है। उन्होंने कहा जिस तरह की तकलीफ हिमाचल बिलासपुर के एम्स में कार्य करने वाले लोग बताते हैं उसी तरह की समस्या दिल्ली एम्स में भी है इसलिए सभी समस्याओं को दरकिनार कर मानवता की सेवा करनी है और उसके लिए पूरी ताकत से कार्य करना चाहिए। नड्डा ने बताया कि वे आए दिन स्वास्थ्य मंत्री से देशभर में चल रहे कार्यों की प्रगति के बारे में पूछते रहते हैं और उन्हें सदैव सकारात्मक उत्तर ही मिलता है।

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 AIIMS Bilaspur | Jagat Prakash Nadda |

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