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Himachal Government Equation : हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों की ओर से क्रॉस वोटिंग करने के बाद हिमाचल की सियासत में तूफान मचा हुआ है। हालांकि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया है कि उनकी सरकार नहीं गिरेगी और पुरे पांच साल चलेगी। वहीँ कांग्रेस के छह बागी विधायकों पर अब अयोग्यता की तलवार भी लटक गई है। स्पीकर ने इस पर सुनवाई शुरू अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसी के साथ हिमाचल में सरकार बनाने का नया समीकरण भी सामने आया है।
यदि दलबदल विरोधी कानून के तहत 6 विधायकों पर कार्रवाई होती है और इन विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी जाती है तो ऐसे में विधानसभा में विधायकों की संख्या 62 ही रह जाएगी। इसके बाद इसी संख्या के आधार पर बीजेपी-कांग्रेस को बहुमत सिद्ध करना होगा।
वर्तमान समीकरण की बात करें तो विधानसभा में 68 सीटें हैं। इन पर बहुमत साबित करने के लिए किसी भी दल को 35 सीटों की जरूरत होती है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 40 सीटों पर कब्जा किया था। इसके साथ ही उसे 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। यदि 6 विधायकों के निलंबन के बाद 62 विधायक ही रह जाते हैं तो बहुमत का गणित 32 विधायक हो जाएगा।
वर्तमान में बीजेपी के पास 25 विधायक हैं। कहा जा रहा है कि 3 निर्दलीय विधायक भी बीजेपी के संपर्क में हैं। इस तरह बीजेपी के पास संख्या 28 हो सकती है। इसके बाद बीजेपी को बहुमत के लिए 4 विधायकों की जरूरत पड़ेगी।
वहीँ दूसरी ओर, यदि 6 विधायकों की सदस्यता दल बदल कानून के तहत रद्द नहीं होती है और वे बीजेपी जॉइन कर लेते हैं तब बहुमत का आंकड़ा 68 सीटों से तय होगा। फिर बीजेपी को कुल 35 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों के साथ बीजेपी के पास संख्याबल 34 हो जाएगा।
हालांकि सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया है कि उनके सभी विधायकों की नाराजगी दूर हो चुकी है। साथ ही सरकार सुरक्षित है और वे पद भी नहीं छोड़ेंगे, लेकिन जिस तरह से बुधवार सुबह सियासी घटनाक्रम चला, उसे लेकर पुरे देश में दिनभर चर्चा छाई रही।
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