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Himachal News: बड़ी खबर ! सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल में सेब के पेड़ काटने के आदेश पर लगाई अन्तरिम रोक..

Himachal News Supreme Court on Bihar SIR , Supreme Court, Himachal News Supreme Court on Himachal: सुप्रीम कोर्ट की चिंता -"हिमाचल नक्शे से गायब हो सकता है" Stray Dog Crisis

Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के 2 जुलाई 2025 के उस आदेश पर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को अन्तरिम रोक लगा दी, जिसमें अतिक्रमित वन भूमि पर उगाए गए सेब के पेड़ों को काटने का निर्देश दिया गया था। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने पूर्व उपमहापौर टिकेंद्र सिंह पंवर और अधिवक्ता राजीव राय की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया।

जानकरी के मुताबिक नगर निगम शिमला के पूर्व उपमहापौर की ओर से उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, जिसकी पैरवी सुप्रीम कोर्ट के वकील सुभाष चंद्रन ने की। सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से किसानों और सेब उत्पादकों को बड़ी राहत मिली है।

याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट का 2 जुलाई का आदेश, जिसमें वन विभाग को सेब के बागों को हटाकर उनकी जगह वन प्रजातियां लगाने और अतिक्रमणकारियों से भू राजस्व के बकाया के रूप में लागत वसूलने का निर्देश दिया गया था, मनमाना और असंगत है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि यह आदेश संवैधानिक, वैधानिक और पर्यावरणीय सिद्धांतों के खिलाफ है, जिससे हिमाचल प्रदेश जैसे पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में अपरिवर्तनीय पारिस्थितिक और सामाजिक-आर्थिक नुकसान हो सकता है।

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याचिका में विशेष रूप से यह बात कही गई है कि मानसून के दौरान बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई से हिमाचल में भूस्खलन और मिट्टी के कटाव का खतरा काफी बढ़ जाता है, क्योंकि यह क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों और पारिस्थितिक संवेदनशीलता वाला है। याचिका में आगे कहा गया है कि सेब के बाग केवल अतिक्रमण नहीं हैं, बल्कि ये मृदा स्थिरता में योगदान देते हैं, स्थानीय वन्यजीवों के लिए आवास प्रदान करते हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, जो हजारों किसानों की आजीविका का आधार हैं।

उधर, हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संगठन की ओर से 29 जुलाई को शिमला में सचिवालय पर प्रदर्शन की योजना है। इस दौरान सरकार से बेदखली, घरों की तालाबंदी और तोड़फोड़ पर रोक लगाने की मांग की जाएगी।

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