शिमला ब्यूरो|
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा छ: मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्ति को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव (सीएस) सहित प्रधान सचिव वित्त को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किए।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार के छ: मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हिमाचल सरकार द्वारा मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) नियुक्तियों को असंवैधानिक बताते हुए मंडी निवासी कल्पना देवी ने मुख्यमंत्री समेत अर्की विधानसभा क्षेत्र से सीपीएस संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल को प्रतिवादी बनाया है।
उल्लेखनीय है कि विपक्षी दल बीजेपी मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर सवाल खड़े करती रही, इसके अलावा पीपल फॉर रिस्पांसिबल गवर्नेंस संस्था की ओर से पहले ही इस मामले याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने 21 अप्रैल को सरकार से जवाब तलब किया है। अब दानों मामलों पर एक साथ सुनवाई होगी। गौर हो कि इससे पहले साल 2016 में बनाए गए नौ सीपीएस के खिलाफ हाईकोर्ट के सामने हिमाचल प्रदेश मुख्य संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं अधिनियम 2006 को चुनौती दी गई थी। अब तक यह मामला हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में लंबित है।