Himachal News: CPS नियुक्ति मामले में HC में फंसा पेंच, वकील बोले-खुद सुविधा लेने के बाद नियुक्तियों को चुनौती दे रहे..!

Published on: 10 May 2024
Himachal News: CPS Appointment Case: सरकार की ओर से वकील बोले-खुद सुविधा लेने के बाद नियुक्तियों को चुनौती दे रहे..! याचिकाकर्ता

प्रजासत्ता ब्यूरो |
Himachal News: मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों ( CPS Appointment Case ) के मामले पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में अभी भी पेंच फंसा हुआ है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ के समक्ष आठ मई को दोपहर बाद इस मामले में सुनवाई शुरू हुई थी। जो अगले दिन भी जारी रही। वहीँ शुक्रवार को दोपहर बाद भी इस मामले की सुनवाई होगी।

जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से इस मुद्दे को लेकर दायर दो याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं। जिसमे सतपाल सत्ती व अन्य भाजपा विधायकों की ओर से दायर याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और याचिकाकर्ता कल्पना के मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक के तन्खा, प्रदेश सरकार की ओर से मामले में बहस कर रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) में अब तक हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने अदालत को बताया कि मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियां संविधान के नहीं है। अगर यह खिलाफ होती तो भाजपा ने अपनी सरकार रहते हुए कानून में बदलाव क्यों नहीं किया।

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दुष्यंत दवे ने तर्क दिया कि वे दूसरे राज्यों में बनाए गए सीपीएस व मंत्रियों वाली सुविधाएं ले रहे हैं। हिमाचल में जो कानून बना है, उसमें उन्हें मंत्रियों वाली कोई भी सुविधाएं नहीं दी गई हैं। सीपीएस का काम केवल कैबिनेट और मंत्रियों को उनके काम में सहायता करवाना है। उन्होंने अदालत को बताया कि मुख्य संसदीय सचिव मंत्रिमंडल का भाग नहीं हैं।

मुख्यमंत्री उन्हें गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं। जबकि सांविधानिक पद की गोपनीयता की शपथ राज्यपाल दिलाते हैं। संविधान में सीपीएस की नियुक्तियों के बारे में कोई प्रावधान नहीं है। संविधान में विधानसभा को अधिकार दिए गए हैं कि वह अपने काम को सुचारु रूप से चलाने के लिए ऐसे कानून बना सकती है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता खुद भाजपा सरकार में सीपीएस रह चुके हैं। सीपीएस की सारी सुविधाएं लेने के बाद अब वह नियुक्तियों को चुनौती दे रहे हैं।

Himachal News: याचिका कर्ताओं की मांग सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत हैं सीपीएस की नियुक्तियां

वहीँ याचिकाकर्ताओं की और से पेश वकीलों ने इससे पहले भी लगातार तीन दिन बहस के दौरान प्रार्थियों की ओर से पक्ष न्यायायल के समक्ष रखा गया था और सीपीएस की नियुक्तियों को रद करने की गुहार लगाई गई। प्रार्थियों की ओर से कहा गया था कि प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत हैं। गैरकानूनी तरीके से लिया गया वेतन भी इनसे वापस लिया जाना चाहिए। इस मामले पर अब प्रदेश सरकार की ओर बहस जारी है।

Tek Raj

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