Rabies Disease: कुत्ते द्वारा काटे जाने के बाद इंसान की मौत के कई मामले आपने सुने ही होंगे। ऐसा ही एक दुखद मामला में उत्तर प्रदेश के स्टेट लेवल कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी के साथ पेश आया। खबरों के मुताबिक, बृजेश को एक कुत्ते ने काट लिया था, लेकिन उन्होंने रेबीज का टीका नहीं लगवाया। करीब एक महीने बाद उनकी मृत्यु हो गई।
यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि यह हमें सिखाती है कि कुत्ते के काटने को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। रेबीज एक खतरनाक बीमारी है, जिसके बारे में जागरूकता बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कि रेबीज क्या है , यह कितना खतरनाक है, और इससे कैसे बचा (Rabies treatment) जा सकता है।
रेबीज क्या होता है
रेबीज एक ऐसी बीमारी है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार 150 से अधिक देशों में गंभीर समस्या है। यह ज्यादातर कुत्तों के काटने से फैलती है, और WHO के मुताबिक 99% मामले कुत्तों की वजह से ही होते हैं।
जब कोई जानवर, जैसे कुत्ता, किसी इंसान को काटता है, खरोचता है, या उसकी लार खुले घाव के संपर्क में आती है, तो रेबीज वायरस इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकता है। यह वायरस बेहद खतरनाक है और समय पर इलाज (rabies virus treatment) न मिलने पर जानलेवा हो सकता है।
रेबीज के लक्षण (Rabies Ke Lakshan in Hindi)
एक स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक रेबीज के लक्षण शुरू में साधारण से दिखते हैं, जैसे बुखार, दर्द, या काटे गए स्थान पर जलन, चुभन, या झनझनाहट। यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार, ये लक्षण आमतौर पर 3 से 12 सप्ताह में दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह जल्दी या कई महीनों बाद भी उभर सकते हैं।
WHO के अनुसार, रेबीज दो प्रकार का होता है।
- पहला है फ्यूरियस रेबीज, जिसमें मरीज को पानी (हाइड्रोफोबिया) या हवा (एरोफोबिया) से डर लगने लगता है। इसके साथ ही अति सक्रियता, भ्रम, और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखते हैं। कई बार यह कार्डियो रेस्पिरेटरी अरेस्ट की वजह से मृत्यु का कारण बनता है।
- दूसरा प्रकार है पैरालिटिक रेबीज, जो 20% मामलों में होता है। इसमें शरीर धीरे-धीरे लकवाग्रस्त होने लगता है, शुरू में उस हिस्से से जहां काटा गया हो। मरीज धीरे-धीरे कोमा में चला जाता है और मृत्यु हो सकती है। यह प्रकार ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि इसके लक्षण देर से समझ आते हैं, और समय पर इलाज न मिलने से जान चली जाती है।
कुत्ते इंसानों को क्यों काटते हैं? (Rabies Kaise Hota Hai)
हम अक्सर सुनते हैं कि कुत्ते इंसान के सबसे वफादार दोस्त होते हैं, फिर वे काटते क्यों हैं? बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक पशु चिकित्सक डॉ. अजय सूद बताते हैं कि कुत्ते अपने इलाके को लेकर बहुत संवेदनशील होते हैं।
जैसे-जैसे इंसानी आबादी और कुत्तों की संख्या बढ़ रही है, उनके लिए जगह कम हो रही है, जिससे वे असुरक्षित महसूस करते हैं और आक्रामक हो जाते हैं। कई बार कुत्ते डराने के खेल में काट लेते हैं। वे समझते हैं कि इंसान भाग रहा है तो यह एक खेल है, और इस चक्कर में काट लेते हैं।
रेबीज सिर्फ कुत्तों से ही नहीं फैलता। कुछ अन्य जानवर, जैसे अमेरिका में पाए जाने वाले खून चूसने वाले चमगादड़ (हेमेटोफेगस बैट्स), लोमड़ी, रकून, और अन्य जंगली जानवर भी रेबीज फैला सकते हैं, हालांकि ऐसे मामले कम होते हैं।
WHO के अनुसार, किसी रेबीज से संक्रमित जानवर का कच्चा मांस खाने या दूध पीने से रेबीज होने की संभावना बहुत कम है। साथ ही, एक इंसान से दूसरे इंसान में रेबीज फैलने की संभावना सैद्धांतिक रूप से है, लेकिन ऐसा कोई मामला अब तक सामने नहीं आया।
रेबीज से बचने का सबसे आसान और जरूरी तरीका
रेबीज से बचने का सबसे आसान और जरूरी तरीका है सही समय पर टीका (Anti Rabies Vccine) लगवाना। अगर कोई जानवर काट ले या खरोच दे, तो तुरंत रेबीज का इंजेक्शन लगवाना चाहिए। इसमें जरा भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। रेबीज की वैक्सीन दो या इससे ज्यादा डोज में दी जाती है।
WHO के मुताबिक, अभी तक कोई ऐसा तरीका नहीं है जिससे रेबीज वायरस (rabies virus) का शुरुआती डायग्नोसिस आसानी से हो सके। इसलिए, काटने के तुरंत बाद डॉक्टर के पास जाना जरूरी है। अगर आपके पास पालतू जानवर है, तो उसका वैक्सीनेशन जरूर करवाएं। साथ ही, आवारा कुत्तों का भी टीकाकरण करवाना चाहिए, क्योंकि रेबीज के ज्यादातर मामले आवारा कुत्तों से ही फैलते हैं।
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