Bomb Threat: श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, नेरचौक को बम से उड़ाने की धमकी भरा एक ईमेल मिलने से हड़कंप मच गया। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि यह धमकी नेरचौक के लिए नहीं, बल्कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री कार्यालय और वहां के एक मेडिकल कॉलेज के लिए थी।
हालांकि, यह ईमेल नेरचौक मेडिकल कॉलेज की आधिकारिक ईमेल आईडी पर प्राप्त हुआ, जिसके चलते प्रशासन और पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी। एहतियात के तौर पर अस्पताल और कॉलेज परिसर को खाली करवाकर गहन जांच शुरू की गई है।
धमकी भरे ईमेल की एक प्रति मंडी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और सदर थाना प्रभारी को भी भेजी गई थी। इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने तुरंत कदम उठाते हुए अस्पताल परिसर को खाली करवाया। बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वायड की टीमें मौके पर पहुंचीं और पूरे परिसर की बारीकी से तलाशी शुरू की। अभी तक की जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है, लेकिन एहतियात के तौर पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है।
तमिलनाडु से जुड़ा है धमकी का मामला
मामले की जांच में सामने आया कि यह धमकी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री सचिवालय और वहां के आरजीजीईसी मेडिकल कॉलेज को दी गई थी। ईमेल कथित तौर पर अन्ना यूनिवर्सिटी के छात्रों और पूर्व छात्रों के नाम से भेजा गया था। इसमें दावा किया गया कि पहले कॉलेज में और फिर 45 मिनट के भीतर मुख्यमंत्री कार्यालय में विस्फोटक उपकरण सक्रिय किए जाएंगे।
ईमेल में दलालों, पत्रकारों और राजनीतिक नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, साथ ही अनाथ आश्रम के बच्चों का भी जिक्र किया गया है। हालांकि, इस ईमेल में नेरचौक मेडिकल कॉलेज का कोई उल्लेख नहीं था, फिर भी गलती से यह धमकी नेरचौक की ईमेल आईडी पर पहुंच गई।
पहले भी मिल चुकी हैं फर्जी धमकियां
यह पहला मौका नहीं है जब हिमाचल प्रदेश में इस तरह की धमकी भरे ईमेल सामने आए हैं। इससे पहले भी प्रदेश सचिवालय, हाईकोर्ट, मंडी के उपायुक्त कार्यालय और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों को बम धमकियां मिल चुकी हैं। इन सभी मामलों में गहन जांच के बाद धमकियां फर्जी पाई गई थीं। पुलिस अभी तक उस व्यक्ति या समूह की पहचान नहीं कर पाई है, जो इस तरह की धमकियां भेज रहा है।
मंडी पुलिस और प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच तेज कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसी धमकियों को हल्के में नहीं लिया जा सकता, और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है, और पुलिस इस बात की तह तक जाने की कोशिश कर रही है कि यह ईमेल गलती से नेरचौक क्यों भेजा गया।
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