ज्ञानवापी परिसर का सर्वे एएसआई की टीम ने शुरू कर दिया है। शासन ने शहर में हाई अलर्ट जारी किया है। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य स्थानों का वैज्ञाानिक सर्वे शुरू हो गया है। इससे पहले, एएसआई की टीम ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हो गई है। काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार से टीम ने प्रवेश किया है। एएसआई की टीम सर्वे के लिए आधुनिक मशीनों संग पहुंची है।
वहीं ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में जारी एएसआई के सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की तरफ से दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी सोमवार को सुनवाई चल रही है।
इस संबंध में बनारस के जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि एएसआई सोमवार की सुबह 7 बजे से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू कर दिया है।
उन्होंने बताया कि रविवार को ही एएसआई की टीम सभी जरूरी उपकरणों के साथ वाराणसी पहुंच चुकी है। डीएम एस राजलिंगम ने रविवार को कहा, “हमें एएसआई से जानकारी मिली है कि सर्वे कार्य कल से शुरू होगा। हम सुरक्षा के लिहाज से सभी जरूरी तैयारियां कर रहे हैं।”
यह सर्वे वाराणसी की एक अदालत के आदेश पर कराया जा रहा है लेकिन इसमें सील किए गए ‘वज़ुखाना’ क्षेत्र को शामिल नहीं किया जाएगा। हिंदू पक्ष की ओर से केस में दलील पेश कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “जिला प्रशासन द्वारा मुझे सूचित किया गया है कि मेरा सर्वे के आवेदन पर कोर्ट से शुक्रवार को मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को वजुखाना को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे एएसआई करेगा। मुझे उम्मीद है कि यह सर्वेक्षण आने वाली 3 से 6 महीने के भीतर पूरा किया जा सकता है।”
ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले एक दूसर वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि अदालत का फैसला मामले में महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्होंने कहा, “एएसआई सर्वेक्षण के लिए हमारा आवेदन स्वीकार कर लिया गया है। यह मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।” अदालत ने हिंदू पक्ष द्वारा दायर याचिका पर एएसआई को पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के “वैज्ञानिक सर्वेक्षण” के लिए निर्देश दिया है।
जानकारी के अनुसार कोर्ट ने 21 जुलाई को आदेश दिया था कि मस्जिद परिसर के अंदर बैरिकेड के एरिया में वजूखाने को छोड़कर बाकी पूरे परिसर की रडार तकनीक समेत अन्य वैज्ञानिक तकनीकों से सर्वे करके रिपोर्ट 4 अगस्त तक कोर्ट के सामने पेश की जाएगी। कोर्ट ने इस सर्वे को लेकर एएसआई डायरेक्टर को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि खंभे पर मिले निशान और गुंबद पर रडार तकनीक का प्रयोग करके सभी पहलूओं की जांच की जाए।
मालूम हो कि ज्ञानवापी का ताजा विवाद मस्जिद परिसर में पांच महिलाओं द्वारा श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की रोजाना पूजा के अधिकार की मांग के बाद खड़ा हुआ था। श्रृंगार गौरी समेत अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। इस विवाद की शुरुआत 18 अगस्त 2021 को हुई थी। इससे पूर्व ज्ञानवापी परिसर में साल में केवल 2 बार परंपरा के अनुसार श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जाती थी।