प्रजासत्ता नेशनल डेस्क |
वैश्विक भूख सूचकांक 2022 (Global Hunger Index) में भारत की स्थिति और भी खराब हो गई है। भारत 121 देशों के ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2022 में 101 से 107वें स्थान पर खिसक गया है। भूख और कुपोषण पर नजर रखने वाले ग्लोबल हंगर इंडेक्स की वेबसाइट ने शनिवार को यह जानकारी दी। ग्लोबल हंगर इंडेक्स के प्रकाशकों ने 29.1 स्कोर के साथ भारत में ‘भूख’ की स्थिति को गंभीर बताया है।
हालांकि भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को लेकर कहा है कि यह देश की छवि खराब करने का प्रयास है। बता दें कि आयरिश सहायता एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मन संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ़ द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए गए इस रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को “गंभीर” करार दिया गया है। रिपोर्ट सामने आने के बाद से ही विपक्ष ने एकाएक केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में भारत 116 देशों की सूची में 101 स्थान पर था लेकिन इस बार 121 देशों की लिस्ट में भारत छह अंक लुढ़ककर 107वें नंबर पर पहुंच गया है। इसके साथ ही भारत का जीएचआई स्कोर भी गिर गया है वर्ष 2000 में यह 38.8 था जो वर्ष 2014 और वर्ष 2022 के बीच 28.2 – 29.1 के बीच पहुंच गया है। भारत की रैंकिंग गिरने के बाद सरकार ने पिछले साल इस रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा था कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स की गणना के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पद्धति अवैज्ञानिक है।
इंडेक्स जारी करने वाले संगठन के मुताबिक, चीन, तुर्की और कुवैत सहित 17 देशों ने 5 से कम जीएचआई स्कोर के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है। वहीँ श्रीलंका 64, नेपाल 81, बांग्लादेश 84 और पाकिस्तान 99 वें नंबर पर है। दक्षिण एशिया में केवल अफगानिस्तान ही भारत से पीछे है। अफगानिस्तान इस इंडेक्स में 109 नंबर पर है। गौर करने वाली बात यह है कि इस इंडेक्स में सूडान, इथोपिया, रवांडा, नाइजीरिया, केन्या, गाम्बिया, नामीबिया, कम्बोडिया, म्यांमार, घाना, इराक, वियतनाम, लेबनान, गुयाना, यूक्रेन और जमैका जैसे देश भी भारत से कहीं ऊपर हैं।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स के आंकड़ों को देखें तो जाम्बिया, अफगानिस्तान, तिमोर-लेस्ते, गिनी-बिसाऊ, सिएरा लियोन, लेसोथो, लाइबेरिया, नाइजर, हैती, चाड, डेम कांगो, मेडागास्कर, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और यमन की स्थिति भारत से भी खराब है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गिनी, मोजाम्बिक, युगांडा, जिम्बाब्वे, बुरुंडी, सोमालिया, दक्षिण सूडान और सीरिया सहित 15 देशों के लिए रैंक का निर्धारण नहीं किया जा सकता है।