Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

Justice Yashwant Varma Case: जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव मंजूर, लोकसभा ने गठित की 3 सदस्यीय जांच समिति

Justice Yashwant Varma Case : हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, आंतरिक जांच पैनल की रिपोर्ट को दी चुनौती

Justice Yashwant Varma Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को जस्टिस वर्मा के विरुद्ध आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक समिति गठित करने की घोषणा की।

यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्मा की याचिका खारिज किए जाने के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने कदाचार की जांच करने वाले पैनल की रिपोर्ट को चुनौती दी थी ।

उल्लेखनीय है कि जस्टिस वर्मा पिछले कई महीनों से विवादों में घिरे हैं। 14 मार्च 2025 को उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास में आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड को करीब 15 करोड़ रुपये के जले हुए नोट मिले थे। इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने एक तीन सदस्यीय पैनल गठित किया, जिसने वर्मा के खिलाफ कदाचार के आरोपों को सही पाया और उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की ।

इसे भी पढ़ें:  दिल्ली में भारी जाम, घर से बाहर निकलने से पहले जान लें ट्रैफिक का हाल

जस्टिस वर्मा ने इस सिफारिश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद केंद्र सरकार ने लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव पेश किया, जिसे मंजूरी मिल गई है।

लोकसभा द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करेगी। यदि समिति उन्हें दोषी पाती है, तो संसद में महाभियोग प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जिसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से उन्हें पद से हटाया जा सकता है ।

वहीं जस्टिस वर्मा ने आरोपों को “बेबुनियाद” बताया है और दावा किया है कि उनके स्टोर रूम में मिली नकदी उनके या उनके परिवार से संबंधित नहीं है । हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की जांच में उनके बचाव को पर्याप्त नहीं माना गया।

इसे भी पढ़ें:  बिहार में रेलवे परीक्षा को लेकर भारी विरोध, प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन में लगाई आग

इस मामले ने न्यायपालिका में जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग को फिर से उठा दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने वर्मा के वापस ट्रांसफर का विरोध किया था और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी । वकीलों के एक वर्ग ने इस मामले में ED और CBI जांच की भी मांग की है ।

प्रजासत्ता न्यूज़ एक प्रमुख हिंदी समाचार प्लेटफ़ॉर्म है, जो देश और दुनिया की ताजातरीन घटनाओं, राजनीति, समाज, खेल, मनोरंजन, और आर्थिक खबरों को सटीक और निष्पक्ष तरीके से प्रस्तुत करता है। हमारी टीम का उद्देश्य सत्य, पारदर्शिता और त्वरित समाचार वितरण के जरिए पाठकों तक महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है। हम अपने कंटेंट के माध्यम से समाज की जागरूकता बढ़ाने और एक सूचित नागरिक समाज बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारी न्यूज़ टीम हमेशा विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी एकत्रित करती है और उसे सरल, सटीक और दिलचस्प तरीके से प्रस्तुत करती है।

Join WhatsApp

Join Now