Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

Bihar Assembly Election 2025: बिहार में वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण पर विपक्ष की सक्रियता ने बदला खेल..!

Bihar Assembly Election 2025: बिहार में वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण पर विपक्ष की सक्रियता ने बदला खेल..!

Bihar Assembly Election 2025 बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों की सक्रियता ने बड़ा असर डाला है। देश के जाने मने पत्रकार रविश कुमार की एक रिपोर्ट के मुताबिक महागठबंधन की 27 जून की प्रेस कॉन्फ्रेंस के चार दिनों के अंदर ही चुनाव आयोग ने अपना फैसला बदल दिया। यह बदलाव साफ तौर पर विपक्ष की सही समय पर उठाई गई आवाज का नतीजा है।

विपक्ष ने मुद्दे को गंभीरता से समझा, सवाल उठाए, और आयोग को अपना कदम पीछे खींचने के लिए मजबूर किया। जब भी विपक्ष चुनाव आयोग पर सवाल उठाता है, उसे एक विशेष मीडिया का मजाक सहना पड़ता है, लेकिन इस बार विपक्ष पीछे नहीं हटा। उसने लगातार अपने संदेह जाहिर किए और दबाव बनाया। अब सवाल यह है कि बीजेपी, जदयू और एनडीए के अन्य दलों को यह सब गलत क्यों नहीं लगा? उन्हें वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण में कोई शक क्यों नहीं हुआ? सिर्फ एक महीने में 8 करोड़ मतदाता दस्तावेज कैसे जमा करेंगे, इस पर उन्होंने क्यों चुप्पी साधी?

इसे भी पढ़ें:  उदयनिधि के बाद अब ए.राजा के बयान पर बवाल, सनातन धर्म की एड्स और कुष्ठ रोग से की तुलना

महागठबंधन और बंगाल की तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर की, लेकिन बीजेपी को कुछ भी गलत नजर नहीं आया। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि यह गरीब मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश है, लेकिन बीजेपी की तरफ से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई। क्या बीजेपी को नहीं दिखा कि चुनाव से दो महीने पहले ऐसी बड़ी प्रक्रिया कैसे पूरी होगी? क्या उन्हें नहीं लगा कि इससे मतदाताओं को कितनी परेशानी होगी?

अगर किसी का नाम गलती से कट गया तो उसे सुनवाई का समय मिलेगा भी या नहीं?विपक्ष की सक्रियता ने लोकतंत्र के हित में बड़ा काम किया। 30 जून को चुनाव आयोग ने एक नया आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि 2003 की वोटर लिस्ट में जिन 4.96 करोड़ लोगों का नाम था, उन्हें अब कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। उनके बच्चों को भी दस्तावेज नहीं देने होंगे।

इसे भी पढ़ें:  D2d Service: कैसे बदल देगी D2D टेक्नोलॉजी संपर्क करने की परिभाषा, यहां पर देखिए

आयोग ने कहा कि 2003 की लिस्ट को सबके लिए उपलब्ध कराया जाएगा, और सिर्फ नाम दिखाना काफी होगा। इससे 60% मतदाताओं को राहत मिली है।लेकिन 24 जून को आयोग ने फैसला लिया था कि सभी 8 करोड़ मतदाताओं को जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज देने होंगे।

सिर्फ 6 दिन में आयोग को यह समझ आ गई कि उसका फैसला गलत था? इसका मतलब साफ है कि विपक्ष की बातों में दम था। आयोग ने पूरा फैसला तो नहीं बदला, लेकिन बड़ा बदलाव कर दिया, जो विपक्ष की जीत जैसा है। बिहार में पलायन की समस्या को देखते हुए, जो लोग बाहर रहते हैं, उनके लिए यह प्रक्रिया और मुश्किल थी।

इसे भी पढ़ें:  Delhi Traffic Advisory: दिल्ली वालों, ध्यान दें! 25 मई तक काठिया बाबा मार्ग बंद, ये हैं वैकल्पिक रास्ते..!

Bihar Assembly Election 2025
YouTube video player

विपक्ष ने सही समय पर सवाल उठाए, और आयोग को पीछे हटना पड़ा। लेकिन सवाल यह भी है कि बीजेपी को यह सब क्यों नहीं दिखा? क्या उन्हें चुनाव आयोग के इस कदम में कोई फायदा नजर आ रहा था, जो विपक्ष के दबाव में रुक गया?चुनाव आयोग की इस जल्दबाजी और फिर बदलाव से साफ है कि विपक्ष की सक्रियता ने बिहार के मतदाताओं को एक बड़ी राहत दी है। लेकिन सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि खेल अभी खत्म नहीं हुआ है।

YouTube video player
प्रजासत्ता न्यूज़ एक प्रमुख हिंदी समाचार प्लेटफ़ॉर्म है, जो देश और दुनिया की ताजातरीन घटनाओं, राजनीति, समाज, खेल, मनोरंजन, और आर्थिक खबरों को सटीक और निष्पक्ष तरीके से प्रस्तुत करता है। हमारी टीम का उद्देश्य सत्य, पारदर्शिता और त्वरित समाचार वितरण के जरिए पाठकों तक महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है। हम अपने कंटेंट के माध्यम से समाज की जागरूकता बढ़ाने और एक सूचित नागरिक समाज बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारी न्यूज़ टीम हमेशा विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी एकत्रित करती है और उसे सरल, सटीक और दिलचस्प तरीके से प्रस्तुत करती है।

Join WhatsApp

Join Now