Supreme Court on Karur Stampede: तमिलनाडु के करूर जिले में 27 सितंबर को अभिनेता से राजनेता बने विजय की तमिलागा वेत्री कझागम (TVK) की रैली के दौरान हुई भयानक भगदड़ की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हाथों में सौंपी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इसकी सुनवाई के दौरान CBI को जांच का जिम्मा सौंपने का आदेश जारी किया।
उल्लेखनीय है कि इस दुखद घटना में 41 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल थे। कोर्ट ने साफ कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हर नागरिक का मूलभूत अधिकार है, और इसकी अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
बता दें कि यह हादसा करूर जिले के वेलुस्वाम्यपुरम में TVK की सार्वजनिक सभा के दौरान दोपहर करीब 12 बजे शुरू होने वाली रैली में हुआ। आयोजकों ने लगभग 10,000 लोगों के आने की उम्मीद की थी, लेकिन वास्तविक संख्या 25,000 से 30,000 तक पहुंच गई। विजय का आगमन शाम 7:40 बजे हुआ, जो निर्धारित समय से सात घंटे देरी से था।
घंटों धूप में इंतजार करते हुए भीड़ में पानी, छाया या खाने की कमी थी। जैसे ही विजय स्टेज पर दिखे, उत्साहित समर्थकों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिससे अफरा-तफरी मच गई। लोग गिरने लगे, चीखें गूंजीं और देखते ही देखते भगदड़ में कई जिंदगियां दम तोड़ बैठीं। अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ प्रबंधन की कमी, अपर्याप्त बैरिकेडिंग और इमरजेंसी सुविधाओं का अभाव इस त्रासदी के प्रमुख कारण बने।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज जस्टिस अजय रस्तोगी की अगुवाई में तीन सदस्यीय समिति गठित की, जिसमें दो वरिष्ठ IPS अधिकारी भी शामिल होंगे। यह पैनल CBI की जांच की पूरी निगरानी करेगा, ताकि कोई पक्षपात न हो। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल मामले के फैसले का हवाला देते हुए लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा पर जोर दिया।
सुनवाई के दौरान एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब तमिलनाडु सरकार ने बताया कि CBI जांच की मांग करने वाली याचिका पीड़ित परिवार ने दाखिल ही नहीं की थी, और इसे अदालत के साथ धोखा बताया। कोर्ट ने कहा कि वह इस मुद्दे की जांच करेगा, लेकिन दो याचिकाकर्ताओं का इनकार उसके अंतरिम आदेश को प्रभावित नहीं करेगा, क्योंकि अन्य याचिकाओं में भी CBI जांच की मांग की गई थी।
कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए TVK के महासचिव आधाव अर्जुन ने राज्य सरकार पर सख्त निशाना साधा। उन्होंने ANI को बताया कि सरकार ने TVK को झूठे आरोपों में फंसाने की पूरी साजिश रची थी। “विजय पर देरी का आरोप बेबुनियाद है। पुलिस ने हमारे सदस्यों पर आतंकवादियों की तरह हमला किया। DMK ने पार्टी को दबाने की कोशिश की। विजय ठीक पुलिस द्वारा अनुमत समय, दोपहर 3 से शाम 10 बजे के बीच पहुंचे। हमने साफ देखा कि DMK ने हमारी पूरी पार्टी को लकवाग्रस्त करने की कोशिश की। करूर भगदड़ के पीछे साजिश साफ नजर आ रही है।” अर्जुन ने कहा कि यह जांच TVK की मासूमियत साबित करेगी।










