Rohru Suicide Case: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहड़ू उपमंडल के लिंमड़ा गांव में 12 वर्षीय दलित बच्चे की आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने पुलिस की लापरवाही पाते हुए जांच अधिकारी एएसआई मंजीत को तुरंत निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही, एसडीपीओ रोहड़ू से पूरी घटना पर जवाब तलब किया गया है। आयोग का कहना है कि शुरुआती जांच में ढील बरती गई, जिससे न्याय में देरी हुई।
बुधवार को रोहड़ू रेस्ट हाउस में आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने स्थानीय प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। उन्होंने बताया कि 20 सितंबर को दर्ज एफआईआर में एससी-एसटी एक्ट 1989 की धाराएं शामिल नहीं की गईं, जबकि पीड़ित परिवार ने शिकायत में बच्चे के घर में घुसकर उसे अछूत कहने और पिता से बकरे की मांग कर शुद्धि करने का जिक्र किया था।
बता दें कि हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही धाराएं जोड़ी गईं, लेकिन आरोपी महिला को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया। 1 अक्टूबर को एसडीपीओ से तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई थी, जो समय पर नहीं मिली। 14 अक्टूबर को डीजीपी ऑफिस से आखिरकार जानकारी मिली।
आयोग ने पीड़ित परिवार से भी मुलाकात की, जहां उन्होंने पूरी कहानी साझा की। परिवार को सामाजिक न्याय विभाग से 4.12 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिल चुकी है। चेयरमैन ने कहा कि आयोग का मकसद दलित और पिछड़े वर्गों के हक की रक्षा करना है। पीड़ितों को सुरक्षा का डर होने पर पुलिस को उनके बचाव के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आयोग को परिवार की हर संभव मदद करने को कहा था।
इस बैठक में आयोग सदस्य विजय डोगरा, दिग्विजय मल्होत्रा, एडीएम पंकज शर्मा, एसडीएम धर्मेश, एएसपी रतन नेगी, जिला कल्याण अधिकारी कपिल देव और पीड़ित परिवार के लोग मौजूद रहे। आयोग पूरे प्रकरण पर नजर रखे हुए है और सख्ती से न्याय सुनिश्चित करेगा।












