Solan News: कसौली विधानसभा क्षेत्र के राजकीय माध्यमिक स्कूल और राजकीय प्राथमिक स्कूल, करोल में पिछले डेढ़ महीने से पानी की आपूर्ति पूरी तरह ठप है। इस वजह से बच्चों और शिक्षकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में, जब पानी की कमी कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए, सिंचाई व पेयजल (IPH) विभाग की नाकामी ने स्कूलों की स्थिति दयनीय बना दी है।
गर्मियों में स्रोतों में पानी की कमी के कारण ऐसी दिक्कतें समझ में आती हैं, लेकिन मानसून के बीच ऐसी लापरवाही से स्थानीय लोग हैरान और नाराज हैं। पानी की कमी के कारण स्कूलों में मिड-डे मील तैयार करने, स्वच्छता बनाए रखने और अन्य जरूरी कार्यों में भारी दिक्कत हो रही है। शिक्षकों और बच्चों का समय पानी की व्यवस्था करने में बर्बाद हो रहा है, जिससे पढ़ाई-लिखाई पर बुरा असर पड़ रहा है।
स्कूल प्रबंधन समिति और स्थानीय ग्रामीणों ने सिंचाई व पेयजल विभाग, सब डिविजनल ऑफिसर धर्मपुर, जिला सोलन के खिलाफ गहरी नाराजगी जाहिर की है। समिति ने बताया कि स्थानीय विधायक विनोद सुल्तानपुरी को इस समस्या से अवगत कराया गया और लिखित शिकायत भी दी गई, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं हुआ है।

स्कूलों में पानी की कमी से बिगड़े हालात, विभाग की उदासीनता से बढ़ी नाराजगी
क्लस्टर कमेटी ने अपने शिकायती पत्र में बताया कि स्कूलों में पानी की आपूर्ति न होने से मिड-डे मील (MDM) तैयार करने और अन्य आवश्यक कार्यों में भारी मुश्किल हो रही है। शिक्षकों और बच्चों को पानी की व्यवस्था करने में काफी समय बर्बाद करना पड़ रहा है, जिससे पढ़ाई और अन्य गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
सिंचाई व पेयजल (IPH) विभाग को लिखे पत्र में कहा गया, “यदि पानी की आपूर्ति जल्द शुरू नहीं हुई, तो हम मिड-डे मील और अन्य कार्य करने में पूरी तरह असमर्थ होंगे।” कमेटी ने विभाग से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन जवाब में केवल टालमटोल और रूखा व्यवहार मिला। कथित तौर पर विभाग के अधिकारियों ने कहा, “जहां शिकायत करनी है, करें।” इस लापरवाही भरे रवैये से स्कूल प्रबंधन और स्थानीय लोग गहरे आक्रोश में हैं।
स्थानीय लोगों और स्कूल प्रबंधन ने IPH विभाग से तत्काल पानी की आपूर्ति बहाल करने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने विभाग की लापरवाही की जांच और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है। उनका कहना है कि गांव में पानी की समस्या को किसी तरह सहन किया जा सकता है, लेकिन स्कूलों में बच्चों को शौच जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए भी पानी न मिलना असहनीय है। विभाग के जूनियर इंजीनियर (JE) यमन ने तो शिकायत करने वालों के फोन और मैसेज का जवाब देना ही बंद कर दिया है।
वहीं, इस मामले पर IPH विभाग के धर्मपुर के सहायक अभियंता (ADO) भानु से बात करने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस समस्या की कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि ऐसी कोई समस्या है, तो वे जल्द इसकी जानकारी लेंगे और कार्रवाई करेंगे।
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