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Sirmour: क्या सत्ता के दबाव में खनन माफिया के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर रहा पुलिस विभाग..?

Himachal: क्या सत्ता के दबाव में खनन माफिया के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर रहा पुलिस विभाग..?

रवि | शिलाई
Sirmour News: सिरमौर जिले में खनन माफिया बेलगाम हो गया है। कुछ कांग्रेस नेताओं के संरक्षण और जिम्मेदार विभागों के मिली भगत से खनन माफिया दिन-रात चांदी कूट रहा है। जबकि प्राकृतिक संपदा और वन संपदा को लाखों का नुकसान हो रहा है। श्रीरेणुका जी वन मंडल के तहत के खजूरी बीट के लालुग में खनन माफिया संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध खनन कर सरकारी तंत्र को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है।

कफोटा वन क्षेत्र की खजूरी बीट के तहत लालुग में वन क्षेत्र पर पिछले लंबे समय से बड़े पैमाने पर अवैध खनन चल रहा है। यहां से माफिया लाखों रुपए का खनिज चुरा चुका है। माफिया यहां रात के समय मशीनों से खुदाई कर चांदी कूट रहा है। मीडिया में मामले की सुर्खियां बनने के बाद विभाग ने खानापूर्ति के लिए हाथ पैर जरूर मारे मगर, मगर माफिया बेरोकटोक अपना काम करता रहा।

वन विभाग ने दिखावे के लिए यहां पर आरसीसी फेंसिंग की। जबकि खनन माफिया रात के समय पोल हटाकर खनिज लूटता रहा। विभाग की कार्रवाई पर फिर सवाल खड़े हुए तो वन विभाग ने पत्र लिखकर पुलिस विभाग से इस संबंध में मामला दर्ज करने की गुहार लगाई। मगर हैरानी की बात है कि विभाग द्वारा शिकायत करने पर भी शिलाई थाने में अभी तक इस संबंध में मामला दर्ज नहीं किया गया है।

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इससे भी अधिक हैरानी की बात यह है कि कफोटा एसडीएम, वन विभाग और पुलिस विभाग मिलकर भी माफिया पर लगाम नहीं लगा पाए हैं। बेलगाम खान माफिया की कार्रवाई देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि सरकारी विभागों के कुछ लोग भी खनन माफिया के साथ मिले हुए हैं और माफिया को सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त है। यही कारण है वन विभाग के आला अधिकारियों ने पत्रकारों के फोन उठाना भी बंद कर दिए हैं। हालात इतने बेकाबू हो गए हैं खनन माफिया के खिलाफ पर्यावरण प्रेमियों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना का मन बना लिया है।

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बताते चलें कि सिरमौर जिले के लाइमस्टोन जोन और नदी नालों के किनारे बड़े पैमाने पर अवैध खनन चल रहा है। सरकार सहित समस्त जिम्मेदार विभागों को माफिया के कार्य प्रणाली की जानकारी होने के बावजूद समूचा तंत्र आंखों में पट्टी बांध कर और कानों में तेल डालकर शीत निद्रा में चला गया है। करोडों अरबों की प्राकृतिक और वन संपदा को माफिया दिन-रात लूट रहा है। हालात बेकाबू हो चले हैं। अवैध खनन को रोकने के उच्चतम न्यायालय के आदेशों को भी ठेंगा दिखाया जा रहा है। लिहाजा सरकार नेताओं और जिम्मेदार विभागों की मंशा पर सवाल उठना जाहिर सी बात है।

श्री रेणुका जी डीएफओ बलदेव राज कंडेटा ने बताया कि उन्होंने शिलाई पुलिस को अवैध खनन के संबंध में शिकायत भी है लेकिन अभी तक पुलिस में मामला दर्ज नहीं हुआ है ।

उधर, डीएसपी पांवटा मानवेंद्र ने बताया कि अवैध खनन की शिकायत उन्हें मिली है , मामले की जांच की जा रही है ।

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