Vastu Tips For Study Room: दोस्तों, वास्तु हमारे जीवन के हर पहलू को छूता है, और इसका असर अच्छा-बुरा दोनों तरह का हो सकता है। घर के हर सदस्य की सेहत, करियर और पैसों की स्थिति पर वास्तु का गहरा असर पड़ता है। अगर वास्तु में कोई खामी हो जाए, तो तरक्की रुक सकती है और परिवार को न जाने कितनी परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।
आज हम बात करेंगे बच्चों की पढ़ाई की, जो हर माता-पिता के लिए चिंता का विषय होता है।कई घरों में ऐसा होता है कि कुछ बच्चे मेहनत करने के बावजूद पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं। कई बार ऐसा उनके पढ़ाई करने की दिशा या उनके कमरे में वास्तु दोष की वजह से भी हो सकता है।
अगर बार-बार परीक्षा में असफलता मिल रही है, कुछ याद नहीं रहता, या पढ़ाई में मन ही नहीं लगता, तो चिंता मत करो! आज हम तुम्हें कुछ आसान वास्तु टिप्स बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर तुम इस समस्या से निजात पा सकते हो।
दरअसल, वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों के स्टडी रूम में छोटे-छोटे बदलाव करके पढ़ाई में बेहतर परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। वास्तु विशेषज्ञ पवन के अनुसार, वास्तु सिद्धांतों का पालन करने से बच्चों की एकाग्रता और समझने की क्षमता बढ़ती है। उन्होंने बताया कि स्टडी रूम को घर की सही दिशा में व्यवस्थित करना जरूरी है।
सही दिशा का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा (सूर्य), ईशान कोण (गुरु), और उत्तर दिशा (बुध) ज्ञान और बुद्धि के लिए सबसे शुभ मानी जाती हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान इन दिशाओं की ओर मुख करके बैठना चाहिए। हालांकि, स्टडी टेबल को कमरे के दक्षिण-पश्चिम कोने में रखना बेहतर होता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है और जटिल विषयों को समझना आसान हो जाता है।
रोशनी और रंगों का प्रभाव
स्टडी रूम में पूर्व दिशा से प्राकृतिक रोशनी आने देनी चाहिए, जबकि पश्चिम दिशा से आने वाली रोशनी को रोकना बेहतर है। कमरे के दरवाजे के बाहर रात में पर्याप्त रोशनी वाला बल्ब लगाएं। कमरे की दीवारों का रंग हल्का पीला या हल्का हरा रखें, क्योंकि ये रंग ऊर्जा और शांति प्रदान करते हैं। हरे रंग के पर्दे भी बच्चों की एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होते हैं।
Vastu Tips: अन्य महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स
– पढ़ाई के समय पीठ के पीछे दरवाजा या खिड़की नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है।
– किताबों की अलमारी या बुकशेल्फ दक्षिण या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए, और उसमें दरवाजे जरूर लगे होने चाहिए।
– ईशान कोण को साफ और हल्का रखें। इस कोने में मां सरस्वती का चित्र, यंत्र या ईष्ट देवता की तस्वीर लगाएं।
– विद्यार्थियों को दक्षिण या पश्चिम दिशा में सिर करके सोना चाहिए।
– किसी बीम के नीचे बैठकर पढ़ाई करने से बचें।
– रुद्राक्ष धारण करना ज्ञान और एकाग्रता बढ़ाने में मददगार होता है।
वास्तु विशेषज्ञ पवन के अनुसार वास्तु शास्त्र का कहना है कि इन वास्तु नियमों का पालन करने से बच्चों का मन पढ़ाई में केंद्रित रहता है और उनकी शैक्षिक प्रगति में सुधार होता है।
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