Success Story of KFC Founder Colonel Sanders: कर्नल हारलैंड सैंडर्स की कहानी असफलताओं से हार न मानने और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणादायक दास्तां है। दुनिया की सबसे प्रसिद्ध फास्ट फूड चेन KFC के संस्थापक सैंडर्स (KFC Founder Colonel Sanders) ने 1009 बार रिजेक्ट होने के बावजूद हार नहीं मानी और आज उनकी कंपनी के 150 से अधिक देशों में 25,000 से अधिक आउटलेट्स हैं।
KFC Founder Colonel Sanders प्रारंभिक जीवन और संघर्ष (Success Story)
कर्नल हारलैंड सैंडर्स का जन्म 9 सितंबर, 1890 को हेनरीविले टाउन, इंडियाना, अमेरिका में हुआ था। उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था और उनके पिता का निधन तब हुआ जब वे सिर्फ 5 साल के थे। इस कारण परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। 7 साल की उम्र में उन्होंने खाना बनाना सीख लिया और यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया।
विभिन्न नौकरियां और असफलताएं
सैंडर्स ने अपने जीवन में कई नौकरियां कीं, जैसे कि सेना में, रेलवे में मजदूरी, बीमा एजेंट, और यहां तक कि एक वकील के रूप में भी। लेकिन हर जगह उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा। उन्होंने सेना में नौकरी पाने के लिए अपनी उम्र छिपाई, लेकिन जल्द ही उनकी सच्चाई सामने आ गई और उन्हें बाहर कर दिया गया।
फ्राइड चिकन का जुनून (Success Story)
सैंडर्स का खाना बनाने का जुनून कभी नहीं मरा। उन्होंने एक सर्विस स्टेशन के पास एक छोटा स्टॉल लगाकर अपने बनाए हुए फ्राइड चिकन को मुफ्त में खिलाना शुरू किया। धीरे-धीरे, उनके चिकन का स्वाद लोगों को पसंद आने लगा और उन्होंने एक छोटा रेस्तरां खोला। लेकिन उनके जीवन में समस्याओं का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ।
रेस्तरां की असफलताएं
Colonel Sanders ने तीन बार रेस्तरां खोला, लेकिन एक बार झगड़े के कारण, दूसरी बार आग लगने के कारण और तीसरी बार विश्व युद्ध और मंदी के कारण रेस्तरां बंद हो गए। लेकिन सैंडर्स ने हार नहीं मानी और अपनी फ्राइड चिकन रेसिपी को बेचने का विचार किया।
फ्रेंचाइज़िंग का विचार और संघर्ष
सैंडर्स ने अपनी रेसिपी को विभिन्न रेस्तरां में बेचने का विचार किया, लेकिन यह भी आसान नहीं था। उनकी रेसिपी को 1009 बार नकारा गया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः एक बड़े रेस्तरां ने उनकी रेसिपी को स्वीकार किया और वहां से KFC की शुरुआत हुई।
धैर्य और सफलता (Success Story of KFC Founder Colonel Sanders)
1964 तक, KFC के 600 से अधिक आउटलेट्स खुल चुके थे। हालांकि, सैंडर्स ने धैर्य खो दिया और कंपनी के अधिकार 2 मिलियन डॉलर में बेच दिए। अगर उन्होंने थोड़ा और धैर्य दिखाया होता, तो वे एक बहु-मिलियनेयर बन सकते थे।
सीखने योग्य बातें
- परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालना: जीवन में आने वाली हर चुनौती का सामना करना और उसके अनुसार खुद को ढालना।
- कभी हार न मानना: असफलताओं के बावजूद चलते रहना और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना।
- धैर्य रखना: धैर्य और समर्पण के साथ अपने लक्ष्य की प्राप्ति की ओर अग्रसर रहना।
- संघर्ष से सीखना: असफलताओं से सीखकर आगे बढ़ना।
- लक्ष्य के प्रति समर्पण: अपने सपनों और लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहना।
अंतिम संदेश
कर्नल सैंडर्स ने अपने जीवन से जो तीन महत्वपूर्ण बातें हमें सिखाई हैं:
- अगर आप सीढ़ी पा रहे हैं, तो उसे सीढ़ी की तरह इस्तेमाल करें और अपने लक्ष्य की ओर एक और कदम बढ़ाएं।
- आपकी मेहनत हर टॉनिक और हर विटामिन को हरा सकती है।
- अगर आप सपने देखना पसंद करते हैं और मेहनत से नहीं थकते, तो अपने सपनों का सम्मान करना शुरू करें।
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