शिमला | 18 सितम्बर
सीपीएस नियुक्ति मामला: हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई को 3 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। अदालत ने सीपीएस नियुक्ति से संबंधित याचिकाओं और आवेदनों को विभाजित करने का फैसला किया है।

मौजूदा सरकार के कार्यकाल में सीपीएस की नियुक्ति से जुड़ी याचिकाओं के मामले में कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 3 अक्टूबर के लिए निर्धारित की है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में सीपीएस नियुक्तियों पर विवाद सबसे पहले 2016 में उठा जब पीपल फॉर रिस्पांसिबल गवर्नेंस संस्था ने पिछली भाजपा नीत राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान की गई सीपीएस नियुक्तियों को चुनौती दी थी। हालांकि सत्ता परिवर्तन के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी ने सत्ता संभाली और एक उपमुख्यमंत्री और मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति की।
जिसके बाद मंडी निवासी कल्पना देवी ने भी सीपीएस की नियुक्तियों को लेकर याचिका दायर की गई है। भाजपा नेता सत्ती ने उप-मुख्यमंत्री समेत सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती दी है। अदालत सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही है।
इन याचिकाओं में अर्की से सीपीएस संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि पंजाब में भी ऐसी नियुक्तियां की गई थीं, जिन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने इन नियुक्तियों को असंविधानिक ठहराया था।
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सीपीएस नियुक्ति मामला: हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 3 अक्टूबर के लिए निर्धारित की
