Temple Money Controversy: हिमाचल में मंदिरों के पैसे को लेकर सीएम सुक्खू और पूर्व सीएम आमने-सामने..! सुक्खू बोले -खुद करें तो पुण्य, हम करें तो पाप


Himachal Temple Money Controversy: मंदिरों के पैसे पर घमासान, प्रदेश में गरमाई सियासत, आरोप-प्रत्यारोप तेज..!

Himachal Temple Money Controversy: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बीच राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर दो बार तीखी बहस हुई। पहले केंद्र से राजस्व घाटा अनुदान घटाने को लेकर और फिर मंदिरों के चढ़ावे, नशा मुक्ति अभियान और सरकारी खजाने में धन जमा करने जैसे मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच तनावपूर्ण माहौल बना रहा।

मंदिरों के पैसे को लेकर छिड़ी जंग

हिमाचल प्रदेश में मंदिरों के चढ़ावे के इस्तेमाल को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार मंदिरों के पैसे का इस्तेमाल ‘सुख शिक्षा योजना’ और ‘मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना’ में कर रही है। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने मंदिरों से प्राप्त धन का उपयोग गौशालाओं के लिए किया था, जिससे 22 हजार गायों को आश्रय मिला।

जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार मंदिरों से जबरन पैसा वसूल रही है। उन्होंने कहा, “हनोगी मंदिर से जबरन 5 लाख रुपये लिए गए, जबकि मंदिर के कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दिया गया।” उन्होंने कांग्रेस सरकार पर मंदिरों के पैसे पर डाका डालने का आरोप लगाया और इसे सनातन विरोधी मानसिकता करार दिया।

सुक्खू का जवाब: “खुद करें तो पुण्य, हम करें तो पाप”

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मंदिरों के पैसों को लेकर एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बनी हुई है। उन्होंने कहा, “जयराम सरकार के कार्यकाल में मंदिरों का पैसा कोविड के दौरान खर्च किया गया। मुख्यमंत्री रहते हुए जयराम ने मंदिरों के 28 करोड़ रुपये अपनी योजनाओं को चलाने में लगाए।”

सुक्खू ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करके सरकार ने 2,600 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं, जिन्हें बच्चों की पढ़ाई और गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “जब यह पैसा गरीब परिवार की बेटी की पढ़ाई या विवाह में लगता है, तो इसमें क्या दिक्कत है? यह पैसा वापस भी दिया जा सकता है।” मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, “विपक्ष के लिए खुद करें तो पुण्य, हम करें तो पाप होता है।”

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंदिरों के पैसे को लेकर छिड़ी इस बहस में जहां विपक्ष दल भाजपा कांग्रेस सरकार पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगा रहा है, वहीं मुख्यमंत्री सुक्खू ने इन आरोपों को खारिज करते हुए सरकार के कदमों को जनहित से जोड़ा है। ऐसे में आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और राजनीतिक बहस बढ़ने की संभावना है।