Himachal News: राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद विवाद (Shimla Masjid Controversy) के बाद मस्जिद की अनधिकृत मंजिलों को गिराने का कार्य शुरू हो गया है। संजौली मस्जिद समिति के अध्यक्ष, मुहम्मद लतीफ ने बताया कि उन्हें हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड (Himachal Pradesh Waqf Board) से अनधिकृत मंजिलों को गिराने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त हुआ है। लतीफ ने यह भी कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन, नगर निगम शिमला और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को इस प्रक्रिया की जानकारी दे दी है।
लतीफ ने कहा, “हमने मजदूरों से चर्चा की है और यदि वे आज आते हैं, तो हम तुरंत ढांचे को गिराना शुरू कर देंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रक्रिया में तीन से चार महीने का समय लग सकता है, क्योंकि समिति इस कार्य के लिए अपने स्वयं के धन का उपयोग कर रही है।
यह कदम उस समय उठाया गया जब आयुक्त न्यायालय ने संजौली मस्जिद समिति (Sanjauli Masjid Committee) को अनधिकृत मंजिलों को गिराने का आदेश दिया था। आदेश मिलने के बाद, समिति ने हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड से अनुमति मांगी, क्योंकि यह संपत्ति बोर्ड के स्वामित्व में है।
समिति के सदस्यों ने इस कार्य को समुदाय के सहयोग से संपन्न करने की योजना बनाई है। लतीफ ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कदम नियमों का पालन करने और धार्मिक स्थलों की वैधता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक था। स्थानीय निवासियों का समर्थन भी इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। समिति ने कहा कि वे इस कार्य को पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि किसी भी विवाद या आपत्ति से बचा जा सके।
सीएम सुक्खू ने इस कदम का किया स्वागत
वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu) ने मस्जिद समिति के इस कदम का स्वागत किया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह अपनी तरह का पहला उदाहरण होगा, जब मुस्लिम समुदाय के लोग खुद आगे आकर राज्य में शांति और भाईचारा बनाए रखने के लिए आगे आए हैं। हिमाचल प्रदेश में हर जाति, समुदाय और धर्म के लोग सम्मानपूर्वक और शांति से रहते हैं। सभी को राज्य में काम करने का अधिकार है।
विक्रमादित्य सिंह ने कही ये बात
हिमाचल सरकार में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Minister Vikramaditya Singh) ने कहा कि अगर समिति को धन की कमी का सामना करना पड़ता है या विध्वंस के लिए और समय चाहिए, तो वह नगर निगम आयुक्त की अदालत के समक्ष एक आवेदन दे सकती है। अदालत कानून के अनुसार फैसला ले सकती है।
हाईकोर्ट ने निगम आयुक्त को आठ सप्ताह में मामले का फैसला करने को कहा
बता दें कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (Himachal Pradesh High Court) ने सोमवार को शिमला के निगम आयुक्त अदालत को निर्देश दिया कि वह राज्य की राजधानी शिमला में स्थित संजौली मस्जिद के कथित अवैध निर्माण से जुड़े 15 साल पुराने मामले में आठ सप्ताह के भीतर फैसला करे। यह निर्देश निगम आयुक्त अदालत के पांच अक्टूबर के आदेश के बाद सोमवार को विवादित मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को गिराने की प्रक्रिया शुरू होने के कुछ घंटे बाद आया। संजौली के निवासियों द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संदीप शर्मा ने निगम आयुक्त को निर्देश दिए।
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