Beauty Secrets: अगर आप अपने सौंदर्य विशेषज्ञ से त्वचा के लिए बेहतरीन प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के बारे में पूछेंगी तो विटामिन सी की खुराक शायद सबसे टॉप पर होगी। विटामिन सी को शरीर में सप्लीमेंट या डाइट द्वारा ही लिया जा सकता है तथा इसकी शरीर में प्राकृतिक रूप से उत्पत्ति नहीं होती।
विटामिन सी की गणना सबसे प्रभावी और सुरक्षित पोषक तत्वों में की जाती है जोकि आंवला और अमरुद जैसे शाकाहारी भोज्य पदार्थों में सर्वाधिक पाया जाता है। यह पालक, मूली, अंकुरित अनाज, संतरे, हरी और लाल मिर्च, ब्रोकली, पपीते, स्ट्रॉबेरी, अनानास, कीवी और आम जैसे फलों, सब्ज़ियों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
डॉक्टरों की मानें तो वयस्क पुरुष को रोजाना 90 मिलीग्राम और महिला को रोजाना 75 मिलीग्राम विटामिन सी का सेवन करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को लगभग 85 मिलीग्राम तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रोजाना 120 मिलीग्राम विटामिन सी की जरूरत होती है और इससे ज्यादा विटामिन सी का सेवन करने से दस्त, उल्टी, पेट दर्द, सिर दर्द, पथरी आदि कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टरों के अनुसार विटामिन सी की शरीर में अधिकता से कोई विषाक्त और हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि जल में घुलनशील होने की वजह से इसका उत्सर्जन शरीर से मूत्र के द्वारा हो जाता है।
विटामिन सी दिल की बीमारियों, एनीमिया, कोलेस्ट्रॉल, मोतियाबिंद और डायबिटीज जैसी बीमारियों को ठीक करने के लिए भी काफी मददगार साबित होती है।
विटामिन सी की कमी से जोड़ों का दर्द, दांतों में दर्द, मसूड़ों से खून बहना, थकान/कमजोरी आदि की अनेक समस्याएं सामने आती हैं।
त्वचा की देखभाल तथा सौंदर्य के लिए आप अक्सर महंगे सौंदर्य प्रसाधनों तथा फेशियल और क्लींजिंग जैसे ब्यूटी ट्रीटमेंट की ओर रूख करती हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि स्वस्थ और नर्म, मुलायम त्वचा के लिए जिम या पार्लर जाने की ज्यादा जरूरत नहीं है। अगर आप रोजाना सुबह विटामिन ‘सी’ का उपयोग करती हैं तो आपको स्वास्थ्य तथा सौंदर्य दोनों एक साथ मिल सकते हैं। विटामिन ‘सी’ के प्रतिदिन सेवन से आप प्राकृतिक तौर पर आकर्षक तथा चुस्त दिखेंगी।
प्रतिदिन सुबह अपने नाश्ते में नींबू, संतरा, आंवला, अंकुरित अनाज, टमाटर तथा अंगूर आदि शामिल करने से आप बढ़ती उम्र की समस्या का सामना कर सकती हैं। विटामिन ‘सी’ के सेवन से शरीर में ‘कोलेजन’ का निर्माण होता है जिससे त्वचा में कसावट तथा कोमलता पैदा होती है जिससे चेहरे पर पड़ने वाली झुर्रियों को रोका जा सकता है तथा सूरज की किरणों तथा वातावरण में विद्यमान प्रदूषण से त्वचा को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकती है। विटामिन ‘सी’ का सेवन यकृत, अमाशय, सर्दी, जुकाम, न्यूमोनिया में असरकारक साबित होता है।
विटामिन ‘सी’ का उपयोग शरीर और सौंदर्य दोनों के लिए लाभकारी है। अनेक वैज्ञानिक शोधों में यह पाया गया है कि विटामिन ‘सी’ के नियमित सेवन से आप मुलायम त्वचा, चमकीले बाल, आकर्षक आंखें तथा छरहरा बदन पाने के साथ ही अनेक रोगों से मुक्ति भी पा सकती हैं। बालों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन सी अत्यंत प्रभावी विकल्प माना जाता है। शरीर में विटामिन सी की कमी से डैंड्रफ, दो मुंहे बाल, रूखेपन जैसी बालों की समस्याएं सामने आती हैं। विटामिन सी के नियमित सेवन से सिर में रक्त संचार बढ़ता है और आपके बाल लंबे, मुलायम और खूबसूरत दिखने लगते हैं।
सबसे पहले अगर हम त्वचा को लें तो सामान्य त्वचा बरकरार रखने के लिए हमें प्रतिदिन उचित पोषाहार की जरूरत होती है। त्वचा की सेहत तथा यौवनता व त्वचा की कोशिकाओं के पुनर्निर्माण के लिए विटामिन ‘सी’ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को सुदृढ़ करके हमारी त्वचा को लचीला, सुदृढ़ तथा आकर्षक बनाते हैं। विटामिन सी के आहार में शामिल करने से सूर्य की किरणों से बचाव के लिए त्वचा पर प्रयोग की गई सनस्क्रीन को ज्यादा प्रभावी बनाने में मदद मिलती है।
विटामिन-‘सी’ की कमी में जवान उम्र में ही चेहरे पर झुर्रियाँ पड़नी शुरू हो जाती हैं तथा त्वचा में रूखापन आना शुरू हो जाता है जिससे त्वचा बेजान हो जाती है। आंवले में सर्वाधिक मात्रा में विटामिन-‘सी’ पाया जाता है। आयुर्वेद में आंवले को अनेक रोगों के उपचार में रामबाण बताया गया है। आंवले में विद्यमान प्रचुर मात्रा में विटामिन ‘सी’ गर्मियों में लू आदि से बचाने में अत्यंत सहायक होता है। प्रत्येक सुबह आंवला जूस को पानी में मिलाकर पीने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा सूर्य की गर्मी से झुलसी त्वचा तथा अन्य त्वचा रोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
अपने सौंदर्य को निखारने के लिए फलों को अपने आहार विशेषकर ब्रेकफास्ट का अभिन्न अंग बनाइए। प्रत्येक सुबह गर्म पानी में नींबू रस मिलाकर पीने से शरीर में विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं तथा पाचन तंत्र सुदृढ़ होता है। जिससे चेहरे की आभा में निखार आता है तथा चेहरे की रंगत साफ होती है। नींबू को अनेक सौंदर्य समस्याओं के निदान में उपयोग में लाया जा सकता है लेकिन नींबू रस को हमेशा पानी में मिलाकर ही प्रयोग में लाएं क्योंकि गाढ़ा नींबू का रस त्वचा में रूखापन ला सकता है। नींबू के रस से धूप की तपिश/जलन से त्वचा पर पड़े काले धब्बों को मिटाने में मदद मिलती है तथा इसे हैंड लोशन की तरह भी प्रयोग किया जा सकता है। नींबू के रस को गुलाब जल में मिलाकर हाथों पर रगड़ने से हाथों की रंगत में निखार आता है तथा त्वचा मुलायम हो जाती है।
अगर आपके हाथों की त्वचा सख्त या खुरदरी है तो नींबू रस को दानेदार चीनी में मिलाकर इस मिश्रण को हाथों पर रगड़ें तथा इससे आपके हाथ मुलायम, चमकदार, आकर्षक हो जाएंगे। अन्य खट्टे फलों की तरह अंगूर स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ सौंदर्य निखारने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। अंगूर त्वचा की रंगत को निखारते हैं तथा प्रभावी क्लींजिंग के रूप में असरकारक साबित होते हैं। अंगूरों के रस को त्वचा पर लगाने के 20 मिनट बाद साफ ताजे पानी से धो डालिए। यह तैलीय तथा कील-मुंहासे से प्रभावित त्वचा के लिए अत्यंत लाभदायक साबित होगा तथा त्वचा के छिद्रों को कसने में मददगार होते हैं।
संतरे में विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। संतरे को अपने आहार में शामिल करने के साथ ही बाहरी त्वचा के निखार में भी उपयोग में लाया जा सकता है। संतरे के जूस को फेस पैक में मिलाने या उसे सीधे अपने चेहरे पर लगाने से त्वचा के एसिड-अल्कलाइन संतुलन को बनाने में मदद मिलती है। जिससे चेहरे पर काले धब्बे मिटते हैं तथा चेहरे की रंगत साफ होती है। संतरे के छिलके में फल की अपेक्षा विटामिन-सी की प्रचुरता कहीं ज्यादा होती है।
त्वचा के छिद्रों को कसने तथा तेल को सोखने के लिए सूखे हुए संतरे के छिलकों के पाउडर को स्क्रब तथा मास्क की तरह उपयोग में लाया जा सकता है। संतरे के छिलके के पाउडर को मिल्क क्रीम या दही मिलाने से श्रेष्ठ कोटि की स्क्रब बनाई जा सकती है। संतरे के छिलकों के पाउडर में मुलतानी मिट्टी तथा गुलाब जल मिलाकर बने पेस्ट को त्वचा पर लगाने से कील-मुंहासों, फोड़े, फुंसी तथा अन्य त्वचा संबंधी विकार को दूर करने में मिलती है। विश्व के सौंदर्य विशेषज्ञ विटामिन-सी को सौंदर्य निखारने में चमत्कारी मानते हैं।
विटामिन सी को विटामिन ई या फेरुलिक एसिड जैसे दूसरे एंटीऑक्सीडेंट से मिलाकर लेने से चेहरे की झुर्रियों, त्वचा की रंगत निखारने, फ्री रैडिकल्स से बचाव के लिए ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकता है। इसे विटामिन बी या हायलूरॉनिक एसिड से मिलाकर भी लिया जा सकता है लेकिन विटामिन सी को रेटिनॉल से मिलाकर लेने से परहेज करें और अगर आप दोनों को लेना चाहती हैं तो दोनों के उपयोग में न्यूनतम आधे घंटे का अंतर जरूर रखें।
लेखिका सौंदर्य विशेषज्ञ हैं तथा हर्बल क्वीन के रूप में लोकप्रिय हैं।












