Champions Trophy Winner: क्या आपके दिमाग में भी यह सवाल उठ रहा है कि चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाले खिलाड़ियों को सफेद ब्लेजर (White Blazer) क्यों दिया जाता है? दरअसल, यह सफेद ब्लेजर लीगेसी और एक्सीलेंस का प्रतीक है, जो दुनिया की सबसे बेहतरीन वनडे टीम को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है।
चैंपियंस ट्रॉफी में दुनिया की टॉप-8 टीमें हिस्सा लेती हैं, और जीतने वाली टीम को यह खास सम्मान प्रदान किया जाता है। उल्लेखनीय है कि ICC चैंपियंस ट्रॉफी का पहला संस्करण 1998 में बांग्लादेश में हुआ था, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में 2009 में आयोजित होने वाले एडिशन में ही पहली बार प्रतिष्ठित सफेद ब्लेजर की शुरुआत हुई, तबसे विजेता टीम के हर मेंबर को बतौर सम्मान पहनाया जाता है।
रिकी पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराकर पहली बार यह ब्लेजर पहनी थी। इसके बाद के दो टूर्नामेंट इंग्लैंड और वेल्स में हुए। 2013 में एजबेस्टन में भारत ने इंग्लैंड को हराकर यह ब्लेजर हासिल की थी। 2017 में पाकिस्तान ने भारत को 180 रनों से करारी शिकस्त देकर दूसरी बार ब्लेजर जीतने से रोक दिया था। हलांकि भारतीय टीम ने 2025 में यहाँ उपलब्धि अपने नाम की है।

चैंपियंस ट्रॉफी का यह सफेद ब्लेजर न केवल एक फैशन स्टेटमेंट है, बल्कि यह क्रिकेट की विरासत और उत्कृष्टता को दर्शाता है। यह उन खिलाड़ियों के लिए एक गर्व का प्रतीक है, जो इस मुकाम तक पहुंचते हैं। इस ब्लेजर को पहनने वाले खिलाड़ी न केवल अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, बल्कि क्रिकेट की दुनिया में अपनी एक अमिट छाप छोड़ते हैं।
इस तरह, सफेद ब्लेजर सिर्फ एक जैकेट नहीं है, बल्कि यह क्रिकेट की महानता और उसके इतिहास को समेटे हुए एक प्रतीक है, जो हर खिलाड़ी के लिए सपने जैसा है।
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