Success Story: हमीरपुर जिला के सुजानपुर कस्बे के वार्ड नंबर-5 की निवासी संतोष कुमारी के घर में बांस से बनीं एक से बढ़कर एक कलाकृतियों एवं पेंटिंग्स को देखकर हर कोई हैरान हो जाता है और इन्हें खरीदने के लिए मजबूर हो जाता है। एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम ने संतोष कुमारी के हुनर को तराशा और उनकी तकदीर बदल दी।
दरअसल, संतोष कुमारी एक आम गृहिणी थी और उसके पति बिजली की फिटिंग का कार्य करके परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। संतोष कुमारी भी कभी-कभार कपड़े सिल करके कुछ कमाई कर लेती थी, लेकिन आज के दौर के अनुसार उनका गुजारा मुश्किल से हो पा रहा था। संतोष कुमारी अपनी आम दिनचर्या में कुछ नया काम करके अपने पति का हाथ बंटाना चाहती थी, लेकिन उसे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था।
इसी दौरान, सुजानपुर में बांस की कला पर आधारित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें संतोष कुमारी ने भी भाग लिया और 3 महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस कला में पारंगत एवं पद्मश्री पुरस्कार से अलंकृत करतार सिंह सौंखले ने भी संतोष कुमारी का मार्गदर्शन किया। कुछ दिनों में संतोष कुमारी ने बांस से कलाकृतियां एवं पेंटिंग्स बनाने में महारत हासिल कर ली। डिजाइनर लक्ष्मण कुमार ने भी संतोष कुमारी की मदद की।
इसके बाद तो उनकी कलाकृतियां काफी मशहूर हो गईं और लोग घर में आकर भी इन्हें खरीदने लगे। उन्होंने विभिन्न प्रदर्शनियों में भी भाग लेना शुरू किया, जहां उनकी कलाकृतियों को काफी अच्छे दाम मिलने लगे। संतोष कुमारी के हुनर एवं लग्न को देखकर उन्हें मास्टर ट्रेनर बनाया गया है और अन्य लोगों को प्रशिक्षित करके भी उन्हें अच्छा मानदेय मिल रहा है।
संतोष कुमारी ने बताया कि अब उन्हें बांस की कलाकृतियों से हर माह लगभग 10 से 15 हजार रुपये तक आय हो जाती है। मास्टर ट्रेनर के रूप में मिलने वाले मानदेय से भी उन्हें अच्छी आय हो रही है। उनका कहना है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के कारण ही उनकी तकदीर बदली है। इसके लिए वह सदैव प्रदेश सरकार की आभारी रहेंगी।












