Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

Breaking News: पढ़े.! कस्टोडियल मौत केस में पूर्व IG जैदी समेत आठ पुलिसकर्मीयों को सजा का ऐलान..!

Kullu News Chamba News दोषी करार उम्रकैद सजा sirmour, Shimla Crime Chamba News, breaking news

Breaking News: हिमाचल प्रदेश बहुचर्चित गुड़िया रेप और मर्डर केस (Gudiya Rape and Murder Case)में एक आरोपी की सूरज (नेपाली ) की पुलिस हिरासत में (Kotkhai custodial death case) संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत तत्कालीन IG जाहूर हैदर जैदी (IG Zahoor Haider Zaidi) समेत 8 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है।

चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत (CBI Court Chandigarh) ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए दोषी पाए गए सभी आरोपितों को उम्रकैद, और एक-एक लाख रुपये जुर्माना  की सजा सुनाई है। बता दें कि इस मामले में CBI ने दोषियों पर हत्या (धारा 302), सबूत मिटाने और यातना देने जैसे गंभीर आरोप लगाए। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि सूरज की मौत पुलिस अधिकारियों की पिटाई से हुई थी। गाैरतलब है कि 18 जनवरी को सीबीआई कोर्ट द्वारा गवाहों के बयान व सबूतों के आधार पर दोषी करार देने के बाद ये सटेटा बुड़ैल जेल में बंद हैं।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों में आईजी जाहूर हैदर जैदी के अलावा तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी, एसआई राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, एचएचसी मोहन लाल, एचएचसी सूरत सिंह, एचसी रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रानित सतेता शामिल हैं। वहीं, अदालत ने पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी (Former SP DW Negi) को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।

इसे भी पढ़ें:  मंत्रिमण्डल के निर्णय: पंचायत चौकीदार बनेंगे दैनिक वेतनभोगी, SMC शिक्षकों को बड़ी राहत, भरे जायेंगे विभिन्न पद

क्या था 2017 का गुड़िया मामला?

उल्लेखनीय है कि 4 जुलाई 2017 को शिमला जिले के कोटखाई क्षेत्र से 16 साल की लड़की अचानक गायब हो गई। दो दिन बाद, 6 जुलाई को उसका शव हलैला जंगल में पाया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि लड़की के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।

इस घटना ने पूरे हिमाचल में आक्रोश फैला दिया। लोग न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। पुलिस ने इस मामले में कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी की पुलिस हिरासत में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई।

इसे भी पढ़ें:  Himachal: स्कूली शिक्षकों में से हो हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड चेयरमैन की स्थाई नियुक्ति

आरोपी सूरज की हिरासत में मौत ने इस मामले को और उलझा दिया। सवाल उठे कि क्या यह मौत पुलिसिया हिंसा का नतीजा थी या इसे एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया। घटना के बाद राज्यभर में प्रदर्शन और ज्यादा तेज हो गए।

जनता ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की, जिसके बाद जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि आरोपी की हिरासत में मौत पुलिसकर्मियों की क्रूरता और कर्तव्य में लापरवाही का परिणाम थी। अदालत ने इस आधार पर 8 पुलिसकर्मियों को 27 जनवरी को दोषी करार दिया था।

गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड में चिरानी को हो चुकी है उम्रकैद

बहुचर्चित गुड़िया मामले में सत्र एवं जिला न्यायाधीश शिमला राजीव भारद्वाज की विशेष अदालत ने 18 जून 2021 को अनिल कुमार उर्फ नीलू उर्फ कमलेश को नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या की धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अप्रैल 2018 में सीबीआई ने चिरानी नीलू को गिरफ्तार किया था। 28 अप्रैल 2021 को शिमला की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था।  पुलिस की ओर से सूरज समेत पहले गिरफ्तार किए गए सभी सात लोगों को निर्दोष पाया गया।

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now