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Himachal News: हिमाचल उपचुनाव में कांग्रेस ने 6 में से जीतीं 4 सीटें, कांग्रेस की मौजूदा सीटें 34 से बढ़कर 38 हुई

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश में सीएम सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार एक बार फिर मजबूत स्थिति में पहुँच गई है। प्रदेश में 6 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी को 4 सीटों पर जीत हासिल हुई है, जबकि दो सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।

कांग्रेस ने लाहौल स्पीति, सुजानपुर, गगरेट और कुटलैहड़ से जीत हासिल की, जबकि भाजपा को बड़सर और धर्मशाला में जीत मिली है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की मौजूदा सीटें 34 से बढ़कर 38 हो गई हैं। दो सीटों पर जीत के बाद भाजपा की सीटों की संख्या 25 से बढ़कर 27 हो गई है।

उल्लेखनीय है कि बड़सर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के इंद्र दत्त लखनपाल और धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के सुधीर शर्मा की जीत हुई है। गगरेट विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के राकेश कालिया ने जीत दर्ज की है, कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विवेक शर्मा जीते हैं, लाहौल स्पीति में कांग्रेस प्रत्याशी अनुराधा राणा और सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के राजेंद्र सिंह राणा जीते हैं।

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बता दें कि हिमाचल प्रदेश की राज्यसभा सीट पर चुनाव में पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ क्रॉस वोटिंग करने और अयोग्य ठहराए जाने के बाद कांग्रेस के सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र सिंह राणा, चैतन्य शर्मा, देवेंदर भुट्टो और इंद्र दत्त लखनपाल भाजपा में शामिल हो गए थे। बाद में उपचुनाव में भाजपा ने इन्हीं को अपना प्रत्याशी बनाया था।

राज्यसभा चुनाव में क्या हुआ?

राज्यसभा चुनाव में छह कांग्रेस विधायकों – सुधीर शर्मा (धर्मशाला), राजेंद्र राणा (सुजानपुर), रवि ठाकुर (लाहौल स्पीति), देवेंदर भुट्टो (कुटलैहड़), चैतन्य शर्मा (गगरेट), इंद्र दत्त लखनपाल (बड़सर) – ने फरवरी में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट दिया था, जो एक समय कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के करीबी सहयोगी थे।

इस वित्तीय वर्ष के बजट को पारित करने के लिए कांग्रेस द्वारा जारी किए गए व्हिप के बावजूद उनमें से कोई भी अगले दिन विधानसभा में उपस्थित नहीं हुआ। इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान द्वारा दायर अयोग्यता याचिका पर तेजी से कार्रवाई करते हुए, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने 29 फरवरी को दलबदल विरोधी कानून के तहत छह कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।

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बागी 23 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें छह विधानसभा सीटों पर घोषित उपचुनावों के लिए मैदान में उतारा। 2022 में कांग्रेस ने 68 सदस्यीय सदन में 40 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 25 सीटें मिली थीं और तीन निर्दलीय विधायक पहुंचे थे। राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की संख्या घटकर 34 रह गई, जबकि भाजपा का दावा था कि कांग्रेस सरकार किसी भी दिन गिर जाएगी और वह जल्द ही सरकार बनाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।

तीन सीटों पर फिर होगा उपचुनाव 

वहीँ आने वाले छह महीने में हिमाचल प्रदेश के तीन अन्य विधानसभा क्षेत्र में भी उपचुनाव होंगे। क्योंकि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद विवादों में रहे तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को अपने सदस्यता से इस्तीफा दिया था और 23 मार्च को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। विधानसभा के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने तीनों निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। अब तीनों निर्दलीय विधायक कृष्ण लाल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा विधानसभा के सदस्य नहीं रहे।

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