Himachal New DGP: हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) डॉ. अतुल वर्मा और जेल पुलिस के महानिदेशक संजीव रंजन ओझा 31 मई 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस बीच, नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए गृह विभाग ने तीन वरिष्ठ IPS अधिकारियों का पैनल तैयार किया है, जिसमें अशोक तिवारी, श्याम भगत नेगी, और राकेश अग्रवाल के नाम शामिल हैं। पैनल को मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार, अशोक तिवारी और श्याम भगत नेगी इस दौड़ में सबसे आगे हैं, लेकिन तिवारी की संभावनाएं अधिक मानी जा रही हैं।
Himachal New DGP: पैनल में शामिल अधिकारियों का प्रोफाइल
हिमाचल प्रदेश गृह विभाग ने वरिष्ठता, अनुभव, और सेवा रिकॉर्ड के आधार पर पैनल तैयार किया है। पैनल में शामिल तीनों IPS अधिकारियों का विवरण इस प्रकार है:
अशोक तिवारी: 1993 बैच के IPS अधिकारी, जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश विजिलेंस के महानिदेशक हैं। उनकी रणनीतिक सोच, अपराध नियंत्रण में योगदान, और प्रशासनिक दक्षता के कारण उन्हें DGP पद के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा है। तिवारी ने विभिन्न चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रभावी नेतृत्व प्रदान किया है।
श्याम भगत नेगी: 1990 बैच के IPS अधिकारी, जो लंबे समय से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। उनकी वरिष्ठता और हिमाचल प्रदेश में पूर्व में दी गई सेवाओं के कारण वे भी इस पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। नेगी ने कानून-व्यवस्था और पुलिस सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
राकेश अग्रवाल: 1994 बैच के IPS अधिकारी, जो वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। उनकी निष्पक्ष कार्यशैली और संगठनात्मक क्षमता के लिए उन्हें जाना जाता है, लेकिन वरिष्ठता में वे तिवारी और नेगी से पीछे हैं।
Himachal New DGP की नियुक्ति में सीनियरिटी और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का प्रभाव
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में सेवारत सबसे वरिष्ठ IPS अधिकारियों में तपन कुमार डेका (1988 बैच) और अनुराग गर्ग (1990 बैच) को भी इसमें शामिल किया जा सकता था, लेकिन दोनों वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। डेका को 30 जून 2025 तक सेवा विस्तार मिला हुआ है, जबकि संजीव रंजन ओझा (1989 बैच) भी 31 मई 2025 को रिटायर हो रहे हैं। इस कारण सीनियरिटी में अशोक तिवारी का नाम सबसे आगे है, क्योंकि श्याम भगत नेगी और अनुराग गर्ग केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इसके अलावा, 1993 बैच के रित्विक रुद्रा और 1994 बैच के राकेश अग्रवाल भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर होने के कारण DGP की दौड़ में पीछे हैं।
वर्तमान डीजीपी अतुल वर्मा ने सेवा विस्तार के लिए दिया है आवेदन
दरअसल, मौजूदा डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा, जो 1 मई 2024 को DGP बने थे, ने सेवा विस्तार के लिए आवेदन किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 2006 के प्रकाश सिंह बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले के फैसले का हवाला दिया, जिसमें DGP के लिए न्यूनतम दो साल का कार्यकाल तय किया गया है। वर्मा का कार्यकाल दो साल से कम होने के कारण उन्होंने इस आधार पर विस्तार मांगा है। हिमाचल प्रदेश के विधि विभाग ने उनकी फाइल को मंजूरी दे दी है, और अब यह केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के पास विचाराधीन है। यदि वर्मा को विस्तार मिलता है, तो नए DGP की नियुक्ति में देरी हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि विमल नेगी मामले में मौजूदा परिस्थियों और हल ही में हुए हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद सुक्खू सरकार में DGP की नियुक्ति के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। गृह विभाग द्वारा तैयार पैनल को मुख्यमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजा गया है। सूत्रों का कहना है कि अशोक तिवारी की वरिष्ठता और हिमाचल में उनकी सक्रिय सेवा उन्हें इस पद के लिए प्रबल दावेदार बनाती है। हालांकि, श्याम भगत नेगी की वापसी और उनकी वरिष्ठता भी महत्वपूर्ण कारक है। सरकार जल्द ही इस पर अंतिम फैसला लेगी, जिसके बाद नए DGP की घोषणा होने की उम्मीद है।
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