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Kangana Himachal Flood Response: आपदा में ‘नदारद’ कंगना, भड़का जनता का गुस्सा, बोली- ‘अब किस काम की सैर?

Kangana Himachal Flood Response: आपदा में 'नदारद' कंगना, भड़का जनता का गुस्सा, बोली- 'अब किस काम की सैर?

Kangana Himachal Flood Response: हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र में (Himachal Monsoon Tragedy) भयावह बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। इस बीच, मंडी की सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Mandi MP and Bollywood actress Kangana Ranaut) की चुप्पी और अनुपस्थिति ने लोगों का गुस्सा भड़का दिया है।

चार दिन तक आपदा से जूझते रहे लोग, टूटी सड़कों, उजड़े घरों और बिछड़े परिवारों के बीच अपनी सांसद की एक झलक तक को तरस गए। अब, जब तीखी आलोचनाओं ने जोर पकड़ा, तो कंगना ने सोशल मीडिया पर दौरा करने का ऐलान किया, लेकिन जनता का कहना है, “अब सब बह गया, तो दौरा किस काम का?”

आपदा में ‘नदारद’ रहीं कंगना, भड़का जनता का गुस्सा

दरअसल बीते दिन मंडी के सराज, थुनाग, जंजैहली और अन्य क्षेत्रों में जब लोग मलबे में दबे थे, तब कंगना न तो मौके पर दिखीं, न ही उन्होंने कोई संवेदना व्यक्त की और न ही राहत की कोई घोषणा की। इस चुप्पी पर न केवल स्थानीय लोग, बल्कि युवा, सामाजिक कार्यकर्ता और सोशल मीडिया पर लोगों ने भी तीखे सवाल उठाए। विपक्षी दल कांग्रेस ने तो कंगना की गैरमौजूदगी को “लापरवाही” करार देते हुए पूछा, “आपदा की इस घड़ी में मंडी की सांसद कहां हैं?”

आखिरकार सोशल मीडिया पर जवाब देते हुए कंगना ने लिखा:

अपने सोशल मीडिया हेंडल से कंगना रनौत ने लिखा, “हिमाचल में हर साल बाढ़ से होने वाली तबाही दिल तोड़ने वाली है। मैंने सराज और मंडी के अन्य प्रभावित क्षेत्रों में जाने की कोशिश की, लेकिन नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सलाह दी कि जब तक संपर्क मार्ग बहाल नहीं हो जाते, तब तक इंतजार करूं। मंडी डीसी ने रेड अलर्ट जारी किया है, मैं प्रशासन की मंजूरी का इंतजार कर रही हूं। जल्द ही वहां पहुंचूंगी।”

Kangana Himachal Flood Response

इसके बाद कंगना ने एक और पोस्ट में कहा, “मैं हिमाचल प्रदेश जा रही हूं। जल्द ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करूंगी। मैं हर परिस्थिति में हिमाचल के साथ हूं। जय हिंद!”

चुनाव में पहाड़ की बेटी’ का दावा, लेकिन आपदा में गायब..

दरअसल, चुनावी प्रचार के दौरान खुद को “पहाड़ की बेटी” बताने वाली कंगना आपदा के समय पूरी तरह अनुपस्थित रहीं। जहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटे रहे, वहीं आपदा में सांसद कंगना की गैरमौजूदगी ने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। सोशल मीडिया पर लोगों ने कंगना रनौत तंज कसते हुए लिखा, “जब लोग मलबे में दबे थे, तब सांसद कहां थीं? अब दौरा करके क्या हासिल होगा?” एक यूजर ने लिखा, “जयराम ठाकुर ने तो ट्वीट करने से भी मना किया था क्या?”

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जयराम ठाकुर बोले- जिन्हें चिंता नहीं, उनके बारे में कोई टिप्पणी नहीं..

सांसद कंगना रनौत के बयान से पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल के जबाब में कहा था, “मैं उन लोगों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, जिन्हें जनता की चिंता नहीं है।” हम लोग हमारे लोगों के साथ जीने मरने के लिए हैं, हम लोग चिंतित हैं, जिन्हें चिंता नहीं हैं, उनके बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।

इस बयान को लेकर कांग्रेस और अन्य लोगों ने हथियार बनाते हुए कंगना पर तंज कसा और कहा, “यह हम नहीं, बल्कि जयराम ठाकुर कह रहे हैं कि कंगना को मंडी की चिंता नहीं।”

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क्या औपचारिकता के लिए होगा सांसद कंगना रनौत का दौरा?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कंगना का यह दौरा और बयान केवल आलोचनाओं को शांत करने की कोशिश है। मंडी में 19 लोगों की मौत, 56 लोग लापता, और लगभग 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है। लोग अब भी राहत की उम्मीद में हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि कंगना का यह प्रस्तावित दौरा क्या वाकई प्रभावितों के लिए ठोस राहत लाएगा, या यह केवल उनकी छवि सुधारने की कवायद है?

मंडी के लोगों का कहना है कि आपदा के समय सांसद की मौजूदगी और त्वरित मदद ही असली नेतृत्व का सबूत है। कंगना के इस देर से जागने और दौरा ऐलान ने जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि कंगना अपने दौरे में क्या ठोस कदम उठाती हैं, या यह दौरा भी केवल एक “फोटो ऑप” बनकर रह जाएगा।

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