प्रजासत्ता ब्यूरो।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का शोर थम गया है। दोनों प्रमुख पार्टियों भाजपा व कांग्रेस में जमकर स्टार वार हुआ। 15 साल के बाद हिमाचल में कोई ऐसा चुनाव हुआ है, जिसमें प्रचार के लिए राहुल गांधी नहीं आए हैं। हालांकि, उनका नाम स्टार प्रचारकों की सूची में था। बता दें कि राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व कर रहे है। जिसमे उन्हें भरपूर समर्थन भी मिल रहा है।


हिमाचल प्रदेश में वैसे तो कई मुद्दे चुनाव में हावी है लेकिन ओल्ड पैंशन का मुद्दा सबमें बड़ा है। और इसी मुद्दे को लेकर राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया है राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा- छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड में OPS बहाल हुई, अब हिमाचल की बारी है
इस बीच राहुल गांधी ने ट्वीट कहा है कि हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को कांग्रेस पुराना विश्वास लौटाएगी। छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड में OPS बहाल हुई। अब हिमाचल की बारी है।
पुरानी पेंशन सुरक्षा है, एक वादा है,
नई पेंशन की तरह सौदा नहीं।
बता दें कि हिमाचल चुनाव से जुड़े वरिष्ठ रणनीतिकारों ने प्रचार अभियान थमने के बाद स्वीकार किया कि एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन स्कीम के वादे ने कांग्रेस के चुनाव अभियान को प्रभावशाली बनाने में सबसे प्रमुख भूमिका निभाई है। पिछले आठ-नौ वर्षों में कांग्रेस के लगातार चुनावी पराजयों में रूठे मध्यम वर्ग की सबसे प्रमुख भूमिका रही है।
पार्टी का मानना है कि पुरानी पेंशन स्कीम के जरिये व्यापक मध्यम वर्ग को साधा जा सकता है। कांग्रेस शासित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने-अपने राज्यों में एनपीएस की जगह ओपीएस लागू करने का एलान कर चुके हैं। झारखंड में झामुमो-कांग्रेस की गठबंधन सरकार भी राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम की राह पर लौट रही है। तमिलनाडु की द्रमुक सरकार ने अभी इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया है, मगर उस पर भी ओपीएस की बहाली का सियासी दबाव है।

