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Jaipur Literature Festival: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी सियासी संग्राम शनिवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंच गया। सीएम गहलोत के नकारा-निकम्मा वाले बयान को कांग्रेसी सांसद शशि थरूर ने गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि हमें अपने साथियों के लिए सोच समझकर बोलना चाहिए।
अपने भाई-बहनों के बारे में ऐसे कहना अच्छा नहीं
शशि थरूर शनिवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा लेने पहुंचे। यहां उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मुझे राजनीति में 14 साल का वक्त हो गया। मैंने किसी के बारे में भी ऐसा कुछ कहने या उकसाने की कोशिश नहीं की। मैं राजनीति में कभी भी कीचड़ कुश्ती नहीं करना चाहता। थरूर ने आगे कहा कि मैं अपने साथियों से यही रिक्वेस्ट करना चाहता हूं कि अपने भाई-बहनों के बारे में ऐसे कहना अच्छा नहीं है।
मैंने अपने विरोधियों को भी ऐसे शब्द नहीं कहे
थरूर ने कहा कि हमें अपने मतभेदों को मिटाने की कोशिश करनी चाहिए। लोगों के अलग-अलग विचार भी हो सकते हैं। इसे कहने के दूसरे तरीके भी हो सकते हैं। हमें पार्टी के अंदर एक-दूसरे से प्रेम से रहना चाहिए। मैंने अपने विरोधियों को भी ऐसे शब्द नहीं कहे।
मुझे रोमांस पर लिखने को मिलती है चिट्ठियां
कांग्रेस सांसद ने कहा कि मैंने पिछले 21 सालों से किताब नहीं लिखी है। क्योंकि मैं राजनीति में व्यस्त हूं। यही कारण है कि मुझे रोमांस के बारे में लिखने का मौका नहीं मिल पाया। मुझे रोमांस पर लिखने के कई लोगों से चिट्ठियां भी मिलती है।
सवाल खड़े करना ज्यूडिशियरी को दबाने का संकेत नहीं
न्यायपालिका को मजबूत करने की जरूरत
न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच चल रहे विवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि सवाल पूछना न्यायपालिका को दबाने का संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान ने न्यायपालिका स्वतंत्र बनाया है। मुझे लगता है कि सत्ता में बैठे लोगों की ओर से यह नहीं अपनाया जा रहा है। उनके पास वास्तव में ज्यूडिशियरी पर प्रेशर बनाने की क्षमता है।
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