[ad_1]
Artificial Tears Eye Drop: भारतीय दवा कंपनी ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर की आई ड्रॉप एज्रीकेयर आर्टिफिशियल टीयर्स भारत में स्वास्थ्य मानकों पर खरा पाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सैंपल्स की जांच में दवा स्टैंडर्ड क्वालिटी की निकली है।
दरअसल, सीडीएससीओ और तमिलनाडु ड्रग रेगुलेटर ने कंट्रोल्ड सैंपल्स और आर्टिफिशियल टियर्स को बनाने में इस्तेमाल हुए कच्चे सामान के सैंपल फरवरी में लिए थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के हवाले से जानकारी दी थी कि इस दवा के इस्तेमाल से तीन लोगों की जान चली गई, जबकि आठ लोगों के आंखों की रोशनी चली गई।
Samples of eye drops linked to blindness, deaths in US are “free of contamination”: Health Ministry sources
Read @ANI Story | https://t.co/pBuw51OTFE#US #EyeDrops #India #FDA pic.twitter.com/NrdDlBpyLB
— ANI Digital (@ani_digital) April 4, 2023
यूएसएफडीए को लिखा लेटर
एनआईआई ने स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया है कि रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र अमेरिका का ड्रग रेगुलेटर नहीं है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी यूएसएफडीए ड्रग रेगुलेटर है। इस संस्था ने अभी तक कुछ नहीं कहा है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने यूएसएफडीए को लेटर लिखा है। अभी तक ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर के किसी भी प्रोडक्ट को बैन नहीं किया गया है।
उज्बेकिस्तान में कफ सीरप से 18 बच्चों की हुई थी मौत
पिछले साल दिसंबर में भारतीय दवा कंपनी मैरियन बायोटेक के कफ सीरप डॉक -1 के इस्तेमाल से उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत का मामला सामने आया था। यह कंपनी यूपी के नोएडा में स्थित है। बाद में नमूनों की जांच की गई तो मिलावटी पाया गया था। इसके बाद मार्च में कंपनी के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
यह भी पढ़ें: रामनवमी पर हिंसा का मामला: मुस्लिम देशों के संगठन OIC ने जताई चिंता, केंद्र सरकार ने कहा- भारत विरोधी एजेंडा मत चलाइए
[ad_2]
Source link