KNH Shimla Controversy: कमला नेहरू अस्पताल में महिला के जुड़वां बच्चों के गायब होने के आरोप पर हुआ बड़ा खुलासा..!

Published on: 21 June 2025
KNH Shimla Controversy: कमला नेहरू अस्पताल में महिला के जुड़वां बच्चों के गायब होने के आरोप पर हुआ बड़ा खुलासा..!

KNH Shimla Controversy: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु अस्पताल, कमला नेहरू अस्पताल शिमला (KNH Shimla Controversy) में शुक्रवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब करसोग की एक महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म देने के बाद उनकी मृत्यु और गायब होने के गंभीर आरोप डॉक्टरों पर लगाए।

मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन और पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल जांच में महिला के दावे झूठे पाए गए। पुलिस ने मामले की गहन छानबीन शुरू कर दी है, जबकि अस्पताल प्रबंधन ने संबंधित परिवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर करसोग से आई एक महिला और उसका परिवार चाइल्ड केयर यूनिट के बाहर मौजूद था। महिला ने दावा किया कि सुबह 10:00 बजे वह केएनएच पहुंची, जहां माइनर ओटी में उसकी डिलीवरी हुई और उसने जुड़वां बच्चों (एक बेटा और एक बेटी) को जन्म दिया। उसने आरोप लगाया कि डिलीवरी के बाद उसने बच्चों की तस्वीरें खींची थीं, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि बच्चों के मुंह में समस्या है।

इसके बाद बच्चों को ले जाया गया और उसे बताया गया कि उनकी मृत्यु हो गई, फिर उन्हें गायब कर दिया गया। महिला ने यह भी दावा किया कि उसकी प्रेगनेंसी से संबंधित फाइल गायब कर दी गई।

शिकायत मिलने के बाद और मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएसपी अमित ठाकर और एसएचओ की अगुवाई में पुलिस ने अस्पताल परिसर के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। फुटेज में महिला अपने पति के साथ परिसर में घूमती दिखी, लेकिन वह न तो माइनर ओटी में गई और न ही लेबर रूम में।

फुटेज के अनुसार

  • 10:24 बजे महिला अस्पताल में दाखिल हुई।
  • 10:36 बजे: वह माइनर ओटी की ओर बढ़ी।
  • 10:38 बजे: प्री-नेटल एरिया में पहुंची।
  • 10:40 बजे: गलियारे में फोन पर बात करती दिखी।
  • 10:43 बजे: मेन ओटी की ओर गई।
  • 10:47 बजे: ओपीडी ब्लॉक ए के पहले मंजिल पर डॉ. सुभाष के केबिन की ओर बढ़ी।
  • 10:48 बजे: दूसरे फ्लोर के मुख्य गेट के पास पहुंची।
  • 10:57 बजे: मुख्य गेट से बाहर निकल गई।

KNH Shimla Controversy: मामले की जांच में खुलासा 

वहीँ अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि प्रारंभिक जांच में सीसीटीवी फुटेज की जांच के आधार पर मामला फर्जी लग रहा है। विशेषज्ञ इसे स्यूडोसाइसिस से जुड़ा मामला बता रहे हैं, जिसमें कोई शख्स तथ्यों से परे झूठी कहानी गढ़ता है। इस मामले को समाज में महिलाओं पर बच्चों को जन्म देने के लिए डाले जाने वाले दवाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

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केएनएच शिमला के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा, “सीसीटीवी फुटेज में साफ है कि महिला परिसर में घूम रही थी। यूरिन टेस्ट निगेटिव है और महिला का दो साल से इनफर्टिलिटी का इलाज चल रहा था। जुड़वां बच्चों का जन्म और अन्य आरोप निराधार हैं।”

वहीँ शिमला पुलिस ने महिला से अस्पताल से संबंधित दस्तावेज मांगे, लेकिन परिवार कोई रिकॉर्ड नहीं दिखा सका। पंजीकरण या डिलीवरी का कोई सबूत नहीं मिला। यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट भी निगेटिव आया। पुलिस ने महिला को दीनदयाल उपाध्याय क्षेत्रीय अस्पताल (डीडीयू) में मेडिकल जांच के लिए ले जाया, जिसकी रिपोर्ट से स्थिति और स्पष्ट होगी।

Tek Raj

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