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Liquor Policy Case: शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया को झटका

Delhi Liquor Policy Case

Liquor Policy Case: दिल्ली शराब नीति मामले में मंगलवार (21 मई) को मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है। Delhi Liquor Policy Case में आरोपी बनाए गए मनीष सिसोदिया को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया। हालांकि, सिसोदिया को ट्रायल कोर्ट से तय शर्तों के मुताबिक नियमित अंतराल पर पत्नी से मिलने की इजाजत होगी।

सिसौदिया ने सीबीआई और ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में जमानत मांगी थी। यह आप नेता मनीष सिसौदिया द्वारा दायर की गई दूसरी जमानत याचिका थी। दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने मनीष सिसोदिया और ईडी के वकीलों की संक्षिप्त टिप्पणियों का भी जिक्र किया।

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यह मामला (Delhi Liquor Policy Case) सत्ता के गंभीर दुरुपयोग का है। अदालत ने कहा, उद्देश्य एक ऐसी नीति बनाना था जो कुछ लोगों के लिए फायदेमंद हो और रिश्वत मिल सके। इस मामले में भ्रष्टाचार आवेदक की ऐसी नीति तैयार करने की इच्छा से उत्पन्न हुआ जो कुछ व्यक्तियों के लिए फायदेमंद हो। ”

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उल्लेखनीय है कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद 26 फरवरी, 2023 से सिसोदिया हिरासत में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले में सिसोदिया से तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद उन्हें नौ मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया। उन्होंने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

Delhi Liquor Policy Case में खुद को जमानत का हकदार दिखाना होगा

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मनीष सिसोदिया को भ्रष्टाचार निरोधक कानून और PMLA के प्रावधानों के मुताबिक खुद को जमानत का हकदार दिखाना होगा।  दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इन्होंने इलेक्ट्रॉनिक सबूत नष्ट किए। अपने 2 फोन उपलब्ध नहीं करवाए। यह बहुत प्रभावशाली हैं। इस आशंका से इनकार नहीं कर सकते कि जमानत मिलने पर यह सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

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हाई कोर्ट ने कहा कि बिना किसी उचित कारण के शराब वितरकों का मुनाफा 5 से बढ़ा कर 12 फीसदी किया गया और किकबैक के पैसे गोवा भेजे गए। याचिकाकर्ता अपने पक्ष में जमानत का केस साबित करने में नाकाम रहा। कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया को ट्रायल कोर्ट से तय शर्तों के मुताबिक नियमित अंतराल पर पत्नी से मिलने की इजाजत होगी।

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