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International Women’s Day 2023: कौन कहता है आसमान में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों… इन पंक्तियों को चरितार्थ किया है ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी ने। भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन शालिजा पश्चिमी क्षेत्र में पाकिस्तान का सामना करने वाली फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने के लिए तैयार हैं।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि IAF में ऐसी कमान को संभालने वाली शालिजा पहली महिला हैं। इतना ही नहीं वर्तमान में IAF में लड़ाकू पायलट के रूप में 18 महिला अधिकारी अब सुपरसोनिक जेट विमानों में उड़ान भर रही हैं।
2003 में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में लिया था कमीशन
जानकारी के मुताबिक सशस्त्र बलों के पुरुष प्रधानता वाले माहौल की दीवारों को तोड़ते हुए ग्रुप कैप्टन (थलसेना कर्नल के समकक्ष) धामी 27 मार्च को पंजाब में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल स्क्वाड्रन की बागडोर संभालेंगी।
बताया गया है कि धामी ने भारतीय वायुसेना में वर्ष 2003 में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कमीशन लिया। इसके साथ ही ग्रुप कैप्टन धामी 2,800 घंटे से ज्यादा उड़ान अनुभव के साथ चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों पर एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक हैं।
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दो बार मिल चुकी है सराहना
एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय वायु सेना की ओर से फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने वाली पहली महिला के रूप में चुना गया है। उन्होंने बताया कि धामी ने पश्चिमी सेक्टर में एक हेलीकॉप्टर यूनिट की फ्लाइट कमांडर के रूप में भी काम किया। बताया गया है कि उन्हें दो बार वायुसेना प्रमुख की ओर से भी सराहा गया है।
अधिकारी ने बताया कि भारतीय वायुसेना में मिग-21, मिग-29, सुखोई और राफेल जैसे लड़ाकू विमान उड़ाने वाली 18 महिलाएं हैं, जबकि नौसेना ने अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर 30 महिला अधिकारियों को भी तैनात किया है।
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