प्रजासत्ता |
Himachal Political Crisis : हिमाचल में चल रहे सियासी संकट के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता राहुल गांधी की विदेश दौरे से वापसी हो गई है। भारत पहुंचने पर उनकी नज़र हिमाचल में हुए सियासी हंगामे पर रहेगी। क्योंकि उत्तर भारत के एक मात्र राज्य हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है। ऐसे में उनकी सबसे बड़ी चुनौती सरकार को बचाने की है।

अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ जाएगी, हालांकि कांग्रेस इससे बचने के लिए 6 बागी विधायकों की ताज पर अन्य पर भी एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत कार्रवाई कर सकती है। ऐसे में कुछ समय के लिए कांग्रेस की सरकार बची रहेगी। लेकिन अगर बागी विधायक पार्टी की विधायकी छोड़ देतें है तो हो सकता है लोकसभा चुनाव के साथ इन 10 सीटों पर उपचुनाव हो जाए। इसके अलावा बागी विधायकों को एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत कार्रवाई से बचने के लिए पार्टी के चुने हुए विधायकों में से दो तिहाई विधायकों का समर्थन जरुरी है। ऐसा जानकारों का मानना है।
अब देखने वाली बात यह रहेगी इन सबके बीच कांग्रेस का हाईकमान और नेता राहुल गाँधी किस तरह से इस विवाद को संभाल पाते हैं या फिर भाजपा द्वारा बुने गए इस सियासी तानेबाने में कांग्रेस उलझ कर रह जाती है। हालांकि सरकार और बागियों में जुबानी जंग अभी भी जोरों पर है। कोई सियासी काले नाग की संज्ञा दे रहा है, तो कोई किसी को गद्दार कह रहा है। कोई किसी को ओच्छ्यो यानि ओवर स्मार्ट बता रहा है विवाद बड़ा है तो जुबानी हमले भी बड़े देखने को मिलेंगे।
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