प्रजासत्ता|
जयराम सरकार की नई अधिसूचना अब डॉक्टरों और पैरामेडीकल स्टाफ के लिए आफत का सबब बन गई है। सरकार ने नई अधिसूचना जारी की है कि जो डॉक्टर-नर्सेस और बकाया पैरामेडीकल स्टाफ कोरोना महामारी के शिकार लोगों का इलाज कर रहा है,उनको हर दस दिन के बाद आराम व एकांतवास का अवकाश अब नहीं मिलेगा। इन लोगों को लगातार डयूटी करनी ही होगी। बशर्ते यह पॉजिटिव न हुए हों या फिर इनमें लक्षण न आए हों।
सरकार ने यह अधिसूचना उस अधिसूचना को आधार बना कर जारी की है,जो बीती 24 अप्रैल 2021 को दिल्ली के एम्स संस्थान ने जारी की थी। आज 11 मई को इसी अधिसूचना के आधार पर हिमाचल सरकार की अफ़सरशाही ने यही फरमान जारी कर दिया है कि अगर लगातार डयूटी के दौरान कोई भी डॉक्टरों-नर्सों समेत कोई भी स्वास्थ्य कर्मी पॉजिटिव नहीं होता है तो उसको लगातार डयूटी पर आना होगा।
दरअसल,अभी तक यह व्यवस्था रही है कि कोरोना महामारी के दौरान अपनी सेवाएं देने वाले कर्मियों को अवकाश निर्धारित रहता है। यह इसलिए भी जरूरी है कि अगर सेवाएं देती बार कोई स्वास्थ्य कर्मी भी संक्रमित होता है तो वह इलाज देती बार अन्यों को भी संक्रमित कर सकता है। अवकाश के दौरान एक तो इन लोगों को खुद को परखने और खुद को मानसिक तौर पर फिर से तैयार होने का वक़्त मिलता रहता है। लेकिन सर्कार की तरफ से जारी फरमान के बाद अब इन पर मानसिक दबाब बढ़ना स्वभाविक है|