प्रजासत्ता नेशनल डेस्क |
Supreme Court on Post of Deputy CM: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों में उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने की प्रथा को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को आज खारिज कर दिया है। बता दें कि 11 राज्यों में 21 उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। जिसमे उप-मुख्यमंत्री पद को असंवैधानिक करार दिए जाने की मांग उठाई गई है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि राजनीतिक फायदे के लिए राज्यों में जाति और धर्म के आधार पर उप मुख्यमंत्री पद बांटे गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में अनुच्छेद 14, 15(1), 16(1)&(2) का हवाला देते हुए उल्लंघन की बात कही गई थी।
याचिकाकर्ता का कहना था कि उपमुख्यमंत्री का पद संविधान में नहीं लिखा है। चीफ जस्टिस ने इस पर कहा कि उपमुख्यमंत्री भी मंत्री ही होता है। पद को कोई नाम दे देने से संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि उपमुख्यमंत्री का पदनाम संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता है।
दरअसल, याचिकाकर्ता राजनीतिक दल के वकील मोहन लाल शर्मा और राजीव तोमर का कहना है कि ये दो उपमुख्यमंत्री वाला फॉर्मुला पूरी तरह से असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में अनुच्छेद 14, 15(1), 16(1)&(2) का हवाला देते हुए उल्लंघन की बात कही गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस याचिका में पक्षकार बनाया गया था।
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