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चार साल के अंतराल के बाद हो रहा आयोजन
कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार चार साल के अंतराल पर प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया जा रहा है। रविवार को इस तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत हुई। ये सम्मेलन सरकार को प्रवासी भारतीयों से जुड़ने और डायस्पोरा में संवाद और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच देता है।
इस साल सम्मेलन का विषय ‘प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार’ है। बता दें कि 70 देशों के 3,500 से अधिक सदस्यों ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन (पीबीडी) सम्मेलन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने भारतीय युवाओं की प्रशंसा की
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में भारत को दुनिया से जोड़ने के लिए भारत के युवाओं की सराहना की। विदेश मंत्री ने कहा, “चाहे वह प्रौद्योगिकी का स्टार्टअप हो, युवा पीढ़ी भारत को दुनिया से जोड़ने में सबसे आगे हैं। हमारा प्रयास प्रवासी भारतीयों के लिए अपने समर्थन को अधिकतम करना है। हम ऑनलाइन तंत्र के माध्यम से शिकायतों के निवारण पर ध्यान केंद्रित करना है। मुझे विश्वास है कि देश और विदेश में भारतीय युवा इस देश के विकास को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि भारतीय मूल के 34 मिलियन लोगों के साथ देश का रिश्ता “हमें यहां लाता है। कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच यह संबंध बहुत स्पष्ट था। हमने पीआईओ से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया को पहचाना। सभी परीक्षणों के परिणामस्वरूप हमारा बंधन और भी मजबूत हो गया है।
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