प्रजासत्ता नेशनल डेस्क |
Electoral Bond Case: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट से को बड़ा झटका लगा है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने एसबीआई का वह आवेदन खारिज कर दिया, जिसमें राजनीतिक दलों की ओर से भुनाए गए चुनावी बॉन्ड के डिटेल की जानकारी देने की समय-सीमा 30 जून तक बढ़ाए जाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान एसबीआई को आदेश दिया कि वह कल यानि कि 12 मार्च, 2024 तक सर्वोच्च अदालत को पूरे आंकड़े उपलब्ध कराए।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले चुनावी बॉन्ड मामले ( Electoral Bond Case )की सुनवाई के दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से पूछा कि उसने पिछले 26 दिनों में उन राजनीतिक दलों की जानकारी देने के लिए क्या कुछ कदम उठाए, जिन्होंने स्कीम पर रोक लगाए जाने से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाए या कैश कराए हैं? शीर्ष अदालत ने पिछले महीने ही स्कीम पर रोक लगाई थी और SBI से इन बॉन्ड के जरिए चंदा लेने वाले राजनीतिक दलों की जानकारी भी मांगी थी।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने SBI की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें दानकर्ता की जानकारी, दानराशि और प्राप्तकर्ताओं का खुलासा करने के लिए समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने की मांग की गई थी। पहले ये डेडलाइन 6 मार्च 2024 थी।
EC को जारी करना होगा इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा
CJI ने अपने फैसले में ये भी कहा कि समय सीमा बढ़ाने का कोई आधार नहीं है। क्योंकि SBI के पास KYC सिस्टम है, जिसके जरिए वो ये सभी डिटेल आसानी से मुहैया करा सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि कोर्ट की तरफ से मांगे जाने पर जानकारी का खुलासा करना SBI के लिए अनिवार्य है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी निर्देश दिया कि SBI की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड ( Electoral Bond Case ) को लेकर जो भी डेटा आएगा, EC को वो डेटा 15 मार्च तक जनता के सामने जारी करना होगा।
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