स्पोर्ट्स डेस्क|
IND vs SA: भारत ने दक्षिण अफ्रीका के साथ तीन एक दिवसीय मैचों की श्रृखंला को 2-1 से अपने नाम कर लिया है। इस जीत के बाद केएल राहुल विराट कोहली के बाद साउथ अफ्रीका में वनडे सीरीज जीतने वाले दूसरे कप्तान बन गए। साल 2018 में विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने प्रोटियाज को उनकी सरजमीं पर वनडे सीरीज में 5-1 से शिकस्त दी थी।
केएल राहुल ने तीसरा वनडे 78 रन से जीतने के बाद कहा, निराशाजनक वर्ल्ड कप फाइनल के बाद मैदान पर लौटना अच्छा अनुभव रहा। इन युवा खिलाड़ियों के साथ मैंने IPL में बहुत क्रिकेट खेला है। मैं खिलाड़ियों से यही कहता हूं, आप अपना बेस्ट दीजिए और नतीजे की परवाह मत कीजिए।
केएल राहुल ने कहा कि इनमें से कुछ खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेला था। ऐसे में मैं उन्हें एडजस्ट होने के लिए वक्त देना चाहता था। मेरी भूमिका सिर्फ खिलाड़ियों को उनका रोल क्लियर करने की है। इसके बाद वे अपना 100 परसेंट देते हैं। संजू सैमसन IPL में बेहतरीन परफॉर्मर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि इंटरनेशनल क्रिकेट में उन्हें मौके कम मिले। संजू को पहली इंटरनेशनल सेंचुरी लगाते हुए देखकर मुझे बहुत खुशी हुई।
वहीँ साउथ अफ्रीका के खिलाफ 3 मैच में 10 विकेट चटकाने वाले अर्शदीप सिंह साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैन ऑफ द सीरीज रहे। तीसरे और निर्णायक वनडे में अर्शदीप सिंह ने 9 ओवर में 1 मेडन के साथ 30 रन देकर 4 विकेट हासिल किए। भारत ने पहले खेलते हुए 50 ओवर में 296/8 बनाए थे। जवाब में साउथ अफ्रीका 45.5 ओवर में 218 पर सिमट गई। 78 रन से मैच हार गई।
मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) ने कहा, IPL के दौरान इंटरनेशनल प्लेयर्स का माइंडसेट समझ आता है। मैच विनिंग परफॉर्मेंस के बाद अर्शदीप सिंह ने कहा, विकेट पर गेंदबाजों के लिए पूरे दिन कुछ ना कुछ था। अर्शदीप सिंह ने कहा, मेरा प्लान विकेट टू विकेट गेंदबाजी करते हुए LBW और बोल्ड के तौर पर सफलता हासिल करने का था। IPL हम जैसे युवा खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ा मंच रहा है। इंटरनेशनल क्रिकेट और IPL में ज्यादा फर्क नहीं है। IPL खेलते हुए आप इंटरनेशनल क्रिकेटर्स का माइंडसेट समझते हैं। हम युवा खिलाड़ियों को जितने भी मौके मिल रहे हैं, सारे प्लेयर्स उसका फायदा उठाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। मैं आगे भी भारत को जीत दिलाने की कोशिश करूंगा।
वहीँ इस सीरिज के बाद भारतीय कप्तान केएल राहुल (KL Rahul) ने बेस्ट फील्डर का अपना गोल्ड मेडल साईं सुदर्शन (Sai Sudarshan) को दे दिया। भारत ने साउथ अफ्रीका को वनडे सीरीज में 2-1 से हरा दिया। टीम इंडिया ने सीरीज में कुल मिलाकर 12 कैच पकड़े, जिसमें 6 कैच अकेले केएल राहुल के थे। फील्डिंग कोच अजय रात्रा ने राहुल को बेस्ट फील्डर का गोल्ड मेडल देने का ऐलान किया। पर राहुल ने कहा कि मेरे सारे कैच हाथ के थे, सुदर्शन ने तीसरे वनडे में डाइव लगाकर बेहतरीन कैच पकड़ा। इसलिए बेस्ट फील्डर का मेडल उसको दे दीजिए। दरअसल तीसरे वनडे में आवेश खान (Avesh Khan) के 33वें ओवर की दूसरी लेंथ बॉल को हेनरिक क्लासेन ने मिडऑफ की दिशा में चिप कर दिया था। साईं सुदर्शन ने आगे डाइव लगाकर सीरीज का सबसे बेहतरीन कैच पकड़ लिया। क्लासेन 21 पर आउट हो गए। 297 के टारगेट का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीकी टीम 218 पर सिमट गई, 78 रन से मैच हार गई। भारत ने 2-1 से सीरीज जीत ली।
भारत के लिए तीसरे वनडे में फिनिशर की भूमिका निभाने वाले रिंकू सिंह (Rinku Singh) ने कहा, हमने टॉप क्लास कम बैक किया। दरअसल 3 मैच की सीरीज 1-1 से बराबर चल रही थी। ऐसे में तीसरे वनडे में भारत के पास जीत के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं था। T-20 इंटरनेशनल में भारत के नंबर वन फिनिशर रिंकू सिंह ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीसरे वनडे में भी भारत के लिए फिनिशर की भूमिका बखूबी निभाई। जिस वक्त रिंकू बल्लेबाजी के लिए आए, भारत का स्कोर 41.2 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 217 रन था। यह रिंकू सिंह का दूसरा वनडे मैच था। विकेट बल्लेबाजी के लिए मुश्किल नजर आ रहा था। भारत को स्ट्रांग फिनिश की दरकार थी।
संजू सैमसन (Sanju Samson) ने कहा, तिलक वर्मा (Tilak Verma) ने तीसरे वनडे में जिस तरह की पारी खेली उस पर पूरे भारत को गर्व है। सिर्फ 21 साल की उम्र में तिलक वर्मा ने टीम इंडिया को मुश्किल हालात से बाहर निकालना सीख लिया है। जिस वक्त तिलक बल्लेबाजी के लिए आए, भारत का स्कोर 18.5 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 101 रन था। विकेट से गेंदबाजों को अच्छी-खासी मदद मिल रही थी। शुरुआत में तिलक वर्मा ने बिल्कुल जोखिम मोल नहीं लिया। संजू सैमसन ने कहा मुझे अपने शतक पर गर्व है, क्योंकि इससे भारत जीता। संजू सैमसन ने पार्ल में खेले गए तीसरे वनडे में 114 गेंद पर 6 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 108 रन बनाए। यह 14 वनडे पारियों में संजू सैमसन का पहला शतक रहा।