प्रजासत्ता न्यूज़ डेस्क |
Himachal News: देश की सर्वोच्च अदालत ने निविदा प्रक्रिया में अनियमितता बरतने के लिए हिमाचल प्रदेश आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। 2 अप्रैल को दिए गए फैसले में जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि शिमला में एक वाणिज्यिक परिसर की निविदा के संबंध में प्राधिकरण ने एक निजी कंपनी के साथ मिलकर हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी की और प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा निविदा प्रक्रिया में की गई अनियमितताओं और अवैधताओं को कवर करने के लिए कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया।

बता दें कि दिसंबर, 2018 में हिमुडा ने शिमला में वाणिज्यिक परिसर के निर्माण के लिए वासु कंस्ट्रक्शन को आशय पत्र (एलओआई) दिया। हालांकि, प्रक्रियात्मक अनियमितताओं की शिकायतों और बाद में असफल बोलीदाताओं द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष शुरू की गई मुकदमेबाजी के कारण आशय पत्र (एलओआई) को रद्द करना पड़ा।
हिमुडा द्वारा निविदा प्रक्रिया रद्द करने से व्यथित प्रतिवादी नंबर 2/वासु कंस्ट्रक्शन ने हिमुडा की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष हिमुडा ने कहा कि उसे प्रारंभिक निविदा प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ने में कोई आपत्ति नहीं है, यदि प्रतिवादी नंबर 2/वासु कंस्ट्रक्शन उन्हीं नियमों और शर्तों पर काम निष्पादित करने के लिए तैयार था, जिन पर शुरुआत में सहमति हुई थी।
वासु कंस्ट्रक्शन को ठेका देने पर हिमुडा की अनापत्ति के आधार पर हाईकोर्ट ने मामले का निपटारा कर दिया। तदनुसार, हिमुडा और वासु कंस्ट्रक्शन के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर सवाल उठाते हुए अपीलकर्ता ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की।
New Education Policy In Himachal: हिमाचल में नई शिक्षा नीति को लेकर HPU का आया बड़ा अपडेट
Gold Price Today: सोने के दाम में फिर बढ़ोतरी! जाने क्या है आज 14 से 24 कैरेट के रेट?
Himachal News: बागी चैतन्य शर्मा के पिता और विधायक आशीष शर्मा की अग्रिम जमानत बढ़ी